बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। बांग्लादेश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अवामी लीग ने दावा किया है कि इस वर्ष जुलाई से अब तक उसके लगभग 400 नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है। सोशल मीडिया पोस्ट पर शेख हसीना की पार्टी की ओर से कुछ आंकड़े साझा किए गए हैं। जिसमें अवामी लीग की छात्र इकाई पर हमलों की बात कही गई है। पोस्ट में लिखा है कि ‘जय बांग्ला’ का नारा लिखने पर दो छात्र नेताओं की हत्या कर दी गई है।
अवामी लीग का क्या कहना है?
अवामी लीग ने सोशल मीडिया साइट (एक्स) पर पोस्ट में लिखा,”चपैनवाबगंज इकाई के दो छात्र विंग नेताओं दीवारों पर जय बांग्ला का नारा लिखने के एक दिन बाद युनूस सरकर के समर्थकों ने दोनों नेताओं की हत्या कर दी। पार्टी के सदस्य रेहान और उसी इकाई के संयुक्त सचिव मसूद राणा की रात करीब 10:30 बजे मल्लिकपुर बाजार में युनुस के समर्थकों ने हत्या कर दी थी।
अवामी लीग की ओर से कहा गया है कि अवामी लीग की छात्र शाखा से जुड़े लाखों छात्रों के मौलिक अधिकारों का पूरी तरह से हनन किया गया है, जबकि छात्र संगठन पर प्रतिबंध लगाकर हत्याएं भी की गईं हैं।
जय बांग्ला का नारा लगाने की वजह से हो रही हत्याएं
अवामी लीग ने लिखा कि साल 1971 में स्वतंत्रता सेनानियों ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ाई में साहस जुटाने के लिए ‘जय बांग्ला’ का नारा लगाया था, लेकिन युद्ध नायकों को याद करने के लिए उसी नारे का उपयोग करने से अब नागरिकों की हत्याएं हो रही हैं, जो युनुस द्वारा युद्ध अपराधियों द्वारा समर्थित संगठनों को गले लगाने और वैश्विक चुप्पी के बीच अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ जारी नरसंहार का एक और संकेत है।
बांग्लादेश कमीशन ने क्या दावा किया
बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार द्वार गठित जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसे लोगों को कथित रूप से गायब किए जाने की घटनाओं में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की संलिप्तता का पता चला है। लोगों के लापता होने की घटनाओं की जांच के लिए गठित आयोग ने अनुमान लगाया है कि ऐसे मामलों की संख्या 3500 से ज्यादा है।