अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सलेह ने मंगलवार को ट्विटर पर कहा कि वह अफगानिस्तान में हैं और देश के “कार्यवाहक राष्ट्रपति” हैं। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लेने के बाद अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सलेह ने एक बात साफ कर दी है कि वह तालिबान के आगे आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। उन्होंने अंडरग्राउंड होने से पहले रविवार को ट्विटर पर अंग्रेजी में लिखा, “मैं तालिबान के साथ कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहूंगा। कभी नहीं।” इसके एक दिन बाद, पंजशीर में पूर्व उपराष्ट्रपति की तालिबान के कट्टर दुश्मन अहमद शाह मसूद के बेटे के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आने लगीं। ऐसी आशंका है कि सलेह और मसूद के बेटे तालिबान के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ सकते हैं।

वहीं, चीन ने मंगलवार को अमेरिका पर अफगानिस्तान को “एक भयानक स्थिति में छोड़ने” का आरोप लगाया। चीन ने अमेरिका सेना की वापसी के बाद तालिबान के साथ सहयोग करने के लिए अपनी तत्परता का संकेत दिया है। चीन का बयान ऐसे में आया है जब तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया है। मालूम हो कि अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य हस्तक्षेप के 20 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर राष्ट्रपति बिडेन को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

राष्ट्रपति जो बिडेन ने सोमवार को अमेरिकी सैनिकों की वापसी का बचाव किया और अफगान बलों को दोषी ठहराया। वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में “अशांति, विभाजन और टूटे परिवारों की एक भयानक स्थिति” छोड़ी है। हुआ ने एक नियमित प्रेस वार्ता में कहा, “अमेरिका की ताकत और भूमिका विनाश है, निर्माण नहीं।”

इससे पहले तालिबान के एक शीर्ष स्तर के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने तियानजिन में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। जिसमें तालिबान ने वादा किया गया था कि अफगानिस्तान को आतंकवादियों के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। बदले में, चीन ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए आर्थिक सहायता और निवेश की पेशकश की थी।

हुआ ने सोमवार को कहा कि चीन तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान के साथ ‘मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक’ संबंध जारी रखने के लिए तैयार है। उसने मंगलवार को तालिबान को “अफगानिस्तान को फिर से आतंकवादियों और चरमपंथियों के लिए एक पनाहगाह बनने से रोके जाने” का आग्रह किया।