दक्षिण कोरिया की शीर्ष अदालत ने पिछले साल हुए नौका हादसे के लिए उसके कप्तान को सुनाई गई उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा है। इस नौका हादसे में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर किशोर थे जो एक स्कूली टूर पर थे। अदालत के एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की गुजारिश पर बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने ली जून सोक (70) को हत्या सहित अन्य आरोपों में निचली अदालत से सुनाई गई उम्र कैद की सजा को कायम रखा।
अपने आदेश में अदालत ने कहा कि ली ने जानबूझ कर लापरवाही की और लोगों की जान गई। कप्तान के तौर पर उसे नौका को खाली कराने के आदेश देने थे और कानून के मुताबिक उसे अपने मुसाफिरों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए थे लेकिन वह नौका से भाग गया। अप्रैल 2014 में दक्षिण कोरिया के दक्षिण पश्चिम तट पर सिवोल नाम की नौका डूब गई थी जिससे कुल 304 लोग मारे गए थे। इनमें से ज्यादातर एक ही हाईस्कूल के विद्यार्थी थे। यह हादसा देश की सर्वाधिक भयावह समुद्री दुर्घटनाओं में से एक था।