हाल ही में फेसबुक ने एेलान किया था कि वह यूजर्स के न्यूज फीड में नकली खबरों और अफवाहों पर रोक लगाने के लिए एक नया फीचर लाएगा। लेकिन जर्मनी ने एक नए कानून एेलान करते हुए कहा कि परेशानी खड़ी करने वाली कोई पोस्ट अगर 24 घंटे के अंदर-अंदर नहीं हटाई जाती तो सोशल मीडिया कंपनी पर 5 लाख यूरो का जुर्माना लगाया जाएगा। आयरलैंड के अखबार ‘आइरिश टाइम्स’ के वेब संस्करण में रविवार को यह खबर आई। इस रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक को कई बार फर्जी और नफरत फैलाने वाले पोस्ट रोकने के लिए कहा जा रहा था। अब बर्लिन ने साफ कर दिया है कि वह इसके लिए अब फेसबुक के भरोसे बैठा नहीं रहेगा।

आइरिश टाइम्स ने इस खबर में जर्मनी की सत्तारूढ़ सोशल डेमोक्रेट्स (एसपीडी) पार्टी के नेता थॉमस ऑपरमैन का हवाला दिया है। फेसबुक ने शिकायत मिलने पर उचित कार्यवाही करने के मौके का उपयोग नहीं किया।  उन्होंने कहा कि फेसबुक, एसपीडी और सत्तारूढ़ दल की गठबंधन सहयोगी पार्टियों के बीच संपर्क बिठाने की लंबी और अथक कोशिशों में असफल हो गईं। इसके बाद चांसलर एजेंला मर्केल की क्रिस्टियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) ने नए वर्ष पर नया कानून पारित किए जाने पर सहमति दे दी।

इस कानून के तहत सभी इंटरनेट कंपनियों को जर्मनी में एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करना होगा, जिसके तहत उन्हें फर्जी खबरों और नफरत फैलाने वाले अफवाहों के खिलाफ कार्यवाही करनी होगी। अंग्रेजी अखबार ‘द गार्डियन’ के मुताबिक जर्मनी के इस नए कानून के दायरे में गूगल और ट्विटर भी होंगे। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को या तो अपने सालाना कमाई के अनुपात में जुर्माना देंगे या फिर उन्हें पांच लाख यूरो चुकाना होगा।

आपको बता दें कि फेसबुक ने गुरुवार को कहा था कि वह एक एेसा फीचर लेकर आएगा जो उसके प्लेटफॉर्म पर नकली न्यूज को फैलने से रोकेगा। फेसबुक को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान एेसी खबरों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने पर काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि नया फीचर फिलहाल जारी प्रोसेस का हिस्सा है, जिसमें यह टेस्ट किया जा रहा है कि वह कैसे झूठी खबरों से निपटेगा। इसी साल लोगों ने सवाल उठाए थे कि 1.8 बिलियन यूजर्स के कंटेंट को फेसबुक कैसे मॉनिटर करता है।