फेसबुक डेटा चोरी को लेकर विवादों में आए सोशल नेटवर्किंग साइट के संस्‍थापक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग अमेरिकी सीनेट के समक्ष पेश हुए। इस दौरान उनसे बेहद सख्‍त सवाल पूछे गए, लेकिन उन्‍होंने खुद की प्राइवेसी से जुड़े सवालों का जवाब देने से स्‍पष्‍ट इनकार कर दिया। एक सांसद ने जब जकरबर्ग से उस होटल के बारे में पूछा जिसमें वह रुके थे तो उन्‍होंने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया। डेमोक्रेट सीनेटर डर्बिन ने पूछा था, ‘आप (जकरबर्ग) पिछली रात जिस होटल में रुके थे उसके बारे में हमलोगों से जानकारी साझा करने में सहज महसूस करेंगे?’ अचानक से यह सवाल सुनकर फेसबुक प्रमुख चौंक गए थे। शुरुआत में वह थोड़े झिझके थे, लेकिन बाद में उन्‍होंने यह जानकारी देने से मना कर दिया था। डेमोक्रेट सांसद ने इसके बाद जकरबर्ग से उनकी प्राइवेसी से ही जुड़ा एक और सवाल पूछा था। उन्‍होंने उसका भी जवाब देने से इनकार कर दिया। पूछताछ के दौरान जकरबर्ग ने निजता को प्राथमिकता देने का भी खुलासा किया। कैंब्रिज एनालिटिका डेटा स्‍कैंडल के कारण जकरबर्ग को अमेरिका की कानून और वाणिज्‍य मामलों की समिति के समक्ष पेश होना पड़ा है।

फेसबुक के पास होता है लोकेशन का डेटा: जकरबर्ग ने उस होटल का नाम बताने से इनकार कर दिया जिसमें वह ठहरे हुए थे। लेकिन फेसबुक के जीपीएस से जुड़े होने के कारण सोशल नेटवर्किंग साइट के पास लॉग-इन किए गए यूजर्स का हर डाटा उपलब्‍ध रहता है। बता दें कि एप्‍प के सहारे फेसबुक चलाने वाले यूजर्स आमतौर पर हमेशा लॉग-इन होते हैं। जकरबर्ग ने पिछले सप्‍ताह जिन लोगों को टेक्‍स्‍ट मैसेज किया था, उसका भी खुलासा नहीं किया था। लेकिन, फेसबुक मैसेंजर का इस्‍तेमाल करने वाले यूजर्स के सभी रिकॉर्ड (टेक्‍स्‍ट मैसेज और कॉल) सोशल साइट के पास उपलब्‍ध रहता है। ऐसे में दुनिया भर में फेसबुक का इस्‍तेमाल करने वाले करोड़ों लोगों की प्राइवेसी का हर दिन हनन होता है। बता दें कि ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक से लोगों का डेटा चुराने का आरोप है। इन आंकड़ों का कथित तौर पर चुनावों में जनमत को प्रभावित करने के लिए इस्‍तेमाल किया गया था। कैंब्रिज एनालिटिका के तार अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के प्रचार अभियान से भी जुड़े हैं। इसके अलावा भारत के भी लाखों यूजर्स का डेटा लीक हुआ है। विवाद बढ़ने पर जकरबर्ग ने डेटा सुरक्षा को और दुरुस्‍त करने की बात कही थी।