चीन के एक 80 वर्षीय पूर्व सैनिक को अपनी भारतीय पत्नी और बच्चों से मिलने के लिए वीजा दिया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। चीन के इस 80 वर्षीय पूर्व सैनिक वांग क्वी को भारत चीन युद्ध के बाद 1963 में भारतीय सीमा के अंदर पकड़ लिया गया था और बाद में वह चीन लौट गये थे। जासूसी के आरोप में वांग छह साल भारतीय जेल में रहे थे।
जेल से रिहा होने के बाद वह मध्य प्रदेश में बालाघाट जिले के तिरोदी गांव में रहे थे, जहां उन्होंने एक स्थानीय महिला से शादी की और उनकी चार संतान भी हैं। तब से वह चीन की तीन बार यात्रा कर चुके हैं। वह आखिरी बार अक्टूबर 2018 में चीन आए थे। लेकिन भारतीय वीजा नहीं मिलने के कारण वह लौट नहीं सके। उनके बेटे विष्णु वांग ने तिरोदी से कहा, ‘‘मेरे पिता ने अप्रैल में बींिजग स्थित भारतीय दूतावास में वीजा के लिए आवेदन किया था लेकिन उन्हें यह नहीं मिला था। इसका कारण अधिकारियों को ही बखूबी पता होगा।’’ हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने बुधवार को यहां पुष्टि की कि वांग को भारत यात्रा के लिए वीजा दिया गया है।
वांग क्यू 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान कथित तौर पर रास्ता भटककर भारत पहुंच गए थे और यहां बालाघाट जिले में अपना परिवार बसाने के दशकों बाद 2017 में वापस अपने देश चीन चले गए थे। वह अब वापस यहां अपने परिवार के सदस्यों से मिलने आना चाहते हैं, लेकिन अप्रैल 2019 में आवेदन करने के बावजूद उन्हें अब तक भारत का वीजा नहीं मिल पाया है।
मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले के तिरोड़ी गांव में उनकी पत्नी और बच्चे रहते हैं। लंबी जद्दोजहद के बाद वांग यहां से 2017 में अपने भाई-बंधुओं के पास वापस चीन चले गए थे। वांग के बेटे विष्णु ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया कि उनके पिता ने इस साल अप्रैल में बीजिंग में वीजा के लिए भारतीय दूतावास में आवेदन किया था, लेकिन वीजा अब तक नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने वीजा के लिए अप्रैल में आवेदन किया था, तब से मैं, मेरी दो बहनें और मेरे परिवार के लोग उनसे मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमारी उम्मीद अब तक पूरी नहीं हुई है।”

