आतंकवाद के पैरोकार पाकिस्तान को यूरोपीय यूनियन ने तगड़ा झटका दिया है। यूनियन ने बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन के मामले पर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाया है और कहा है कि बलूचों का दमन रोके वरना बैन लगा दिया जाएगा। यूरोपीय यूनियन ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि अगर पाकिस्तान को यूरोपीय देशों के साथ समझौते करने हैं तो उसे बलूचिस्तान को लेकर अपनी नीति बदलनी होगी। यूरोपियन ने कहा कि बलूचिस्तान में जो कुछ हो रहा है उसे पाकिस्तान का आंतरिक मामला नहीं माना जा सकता है। यूरोपियन यूनियन का यह बयान तब आया जब बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती और तारेक फतेह ने यूरोपियन पार्लियामेंट के वाइस प्रेसिडेंट रेजार्ड जारनेकी से स्विटजरलैंड में मुलाकात की है।

जारनेकी ने कहा, “यूरोपीय यूनियन में मानवाधिकार पर चर्चा के दौरान मैंने कहा कि अगर सदस्य देश मानवाधिकार के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं तो हमें ऐसी स्थिति में आर्थिक प्रतिबंध जैसी प्रतिक्रिया दिखानी होगी।” रेजार्ड जारनेकी के मुताबिक यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे पाकिस्तान के साथ हर तरह के समझौते हैं। अगर पाकिस्तान ने अपनी नीति बलूचिस्तान के साथ नहीं बदली तो हम अपना नजरिया बदलेंगे। कुछ करने का यही सही समय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से बलूचिस्तान की चर्चा किए जाने के बाद से दुनियाभर में बलूचिस्तानियों के दमन की कहानी उजागर हुई है और कई देश पाकिस्तान के मानवाधिकार पर दोहरे रवैये की आलोचना कर रहे हैं। इस वक्त पाकिस्तान कश्मीर और बलूचिस्तान दोनों मुद्दों पर दुनियाभर में अलग-थलग पड़ चुका है।

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