अमेरिका की खुफिया सूचनाएं लीक करने वाले एडवर्ड स्नोडेन को नार्वे की एक अदालत ने यह आश्वासन देने से इनकार कर दिया कि यदि वह नवम्बर में एक पुरस्कार ग्रहण करने के लिए देश की यात्रा करेंगे तो उन्हें प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा। अमेरिका की व्यापक खुफिया सूचनाएं लीक करने के बाद स्नोडेन 2013 से रूस में निर्वासन में रह रहे हैं। स्नोडेन ने अप्रैल में नार्वे के न्याय मंत्रालय के खिलाफ एक दीवानी मुकदमा दायर किया था। यह मुकदमा इसलिए था ताकि मंत्रालय को अग्रिम में इसके लिए रोका जा सके कि वह किसी प्रत्यर्पण अनुरोध पर कार्रवाई नहीं करे।

पीईएन की नार्वे शाखा ने स्नोडेन को 18 नवम्बर को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए ओसित्जकी पुरस्कार ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया है। यद्यपि स्नोडेन को भय है कि यदि उन्होंने नार्वे की यात्रा की तो उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है। ओस्लो की अदालत ने उनका अनुरोध खारिज कर दिया। अदालत ने न्याय मंत्रालय की इस दलील को बरकरार रखा कि किसी भी प्रत्यर्पण के आधार का तब तक मूल्यांकन नहीं किया जा सकता जब तक उसे वास्तव में पेश नहीं किया जाए। इसका मतलब है कि स्नोडेन को अमेरिका प्रत्यर्पित करना है या नहीं इस बारे में नार्वे तभी निर्णय कर सकता है जब अमेरिका उससे स्नोडेन को प्रत्यर्पित करने की मांग करे।