Turkey Earthquake: मिडिल ईस्ट देश तुर्की में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बुधवार को बताया कि तुर्की में 6.02 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई।
तुर्की की एएफएडी आपदा एजेंसी ने इस भूकंप को राजधानी शहर में हाल के वर्षों में आए सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक बताया है – जो बोस्फोरस जलडमरूमध्य के यूरोपीय और एशियाई तट पर स्थित है।
स्थानीय समयानुसार 12:49 बजे (0949 GMT) आए भूकंप का केंद्र इस्तांबुल से पश्चिम में लगभग 80 किलोमीटर (50 मील) दूर सिलिवरी क्षेत्र में था। AFAD ने बताया कि भूकंप का केंद्र 6.92 किलोमीटर (4.3 मील) की गहराई पर था। इज़रायली प्रसारक टीजीआरटी ने बताया कि भूकंप के दौरान बालकनी से कूदने से एक व्यक्ति घायल हो गया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इमारतें हिलने लगीं और लोग चीखते-चिल्लाते सड़कों पर निकल आए। इस्तांबुल, अंकारा और इजमिर जैसे प्रमुख शहरों में भूकंप का असर महसूस किया गया। फिलहाल किसी बड़ी जनहानि या संपत्ति नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि कुछ पुरानी इमारतों में दरारें देखी गई हैं।
क्यों आया भूकंप?
तुर्की के भूकंप विज्ञान केंद्र ने पुष्टि की है कि यह भूकंप भूमध्य सागर क्षेत्र में प्लेटों की हलचल के कारण आया। खास बात यह है कि भूकंप की गहराई उम्मीद के मुताबिक कम थी, जिससे इसका असर ज्यादा व्यापक क्षेत्र में महसूस किया गया। ग्रीस और बुल्गारिया के कुछ शहरों में भी हल्के झटके महसूस किए गए, जबकि रोमानिया के कुछ हिस्सों में लोगों ने फर्नीचर हिलते हुए देखा।
अलर्ट पर सभी रेस्क्यू टीम
आपदा प्रबंधन एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है और राहत एवं बचाव टीमों को संभावित प्रभावित इलाकों में भेजा गया है। साथ ही, इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। वहीं, लोगों को सचेत किया गया है कि आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) की संभावना बनी हुई है।
इस साल आया था सबसे भयानक भूकंप
तुर्की वैसे भी भूकंपीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में आता है और इससे पहले भी यहां कई बार घातक भूकंप आ चुके हैं। साल 2023 में आए विनाशकारी भूकंप में हजारों लोगों की जान चली गई थी। ऐसे में ताजा झटकों ने पुराने जख्म ताजा कर दिए हैं। सरकार और आपदा एजेंसियां हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी बात कही गई है।
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