अफगानिस्तान में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर शनिवार शाम 6.45 बजे 5.1 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इसी के कारण जम्मू-कश्मीर के पुंछ और नियंत्रण रेखा के आसपास के अन्य इलाकों में भी झटके महसूस किए गए। हालांकि इसमें किसी भी तरह की जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने ट्वीट कर इस भूकंप के बारे में पूरा विवरण जारी किया है। अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल गए। इसके झटके पाकिस्तान तक महसूस किए गए हैं। पाकिस्तान के भी कई इलाकों में शनिवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

इसी तरह के हालात कश्मीर में भी देखने को मिला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दहशत में आए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि किसी नुकसान की खबर नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले सोमवार को जम्मू-कश्मीर में 5.3 तीव्रता का एक और भूकंप आया था। उन्होंने बताया कि तब भी भूकंप से किसी नुकसान की खबर नहीं थी। उन्होंने बताया कि भूकंप की तीव्रता 5.3 थी और इसका केंद्र गिलगित बाल्टिस्तान के अस्टोर इलाके में 10 किलोमीटर की गहराई में था।

भूकंप की गहराई 216 किलोमीटर थी और भूकंप का केंद्र अक्षांश 71.20 डिग्री पूर्व और देशांतर 36.55 डिग्री उत्तर में था। भूकंप की दृष्टि से कश्मीर अत्यधिक भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है। कश्मीर में पहले भी भूकंपों ने कहर बरपा रखा है। 8 अक्टूबर, 2005 को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दोनों ओर रिक्टर पैमाने पर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 80,000 से अधिक लोग मारे गए थे।

इन दिनों पूरी दुनिया में भूकंप के झटके कई देशों में महसूस किए गए हैं। हाल ही में इंडोनेशिया में भी 7.3 तीव्रता का भूकंप आया था। जिसके बाद वहां सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई थी। इंडोनेशिया में लगभग हर साल भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। इन भूकंप के झटकों में हजारों लोगों की मौत भी हो चुकी है। भूकंप के साथ-साथ इस देश में सुनामी भी लगातार आती रहती है, जिससे जान माल का नुकसान और ज्यादा हो जाता है।