डच सरकार ने देश में ड्यूटी के दौरान पुलिस अधिकारियों के हिजाब, ईसाइयों वाले क्रॉस, यहूदी यरमुल्क्स और अन्य धार्मिक प्रतीक पहनने पर रोक लगा दी है। डच सरकार की तरफ से कहा गया है कि न्यूट्रैलिटी को प्रमोट करने के लिए ऐसा किया गया है।

ब्रिटिश डेली द टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, डच सरकार में मिनिस्टर ऑफ जस्टिस दिलन येसिलगोज़ ने सांसदों को लिखे एक पत्र में कहा कि इस नियम से यूनिफॉर्म की न्यूट्रैलिटी को लेकर स्पष्टता आएगी। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी भी पुलिस अधिकारी के लिए धर्म या आस्था की दिखावा सही है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी वो लोग हैं, जो सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं और जिन्हें जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग करने का अधिकार दिया गया है।

आपको बता दें कि डच सरकार द्वारा यह फैसला कई दक्षिणपंथी सियासी दलों द्वारा पुलिस यूनिफॉर्म न्यूट्रैलिटी की मांग के बाद लिया गया है।

पुलिस यूनिफॉर्म की न्यूट्रैलिटी को स्पष्ट करना करते हुए मिनिस्टर ऑफ जस्टिस दिलन येसिलगोज़ ने कहा, “यूनिफॉर्म शब्द सब कुछ कहता है: सड़क पर एक पुलिस अधिकारी के साथ हमेशा ऐसा ही होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि पुलिस डिपार्टमेंट में हेडस्कार्फ़ पहनने वाले अभी भी ऐसा कर सकते हैं लेकिन जनता के साथ संपर्क में रहते समय उन्हें न्यूट्रल दिखना चाहिए।

स्वीडन में कुरान जलाए जाने पर भड़के मुस्लिम लोग

स्वीडन में हाल में कुरान जलाए जाने की घटना के बाद से दुनिया के कई मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ताजा खबर ईराक की राजधानी बगदाद से है, जहां गुस्साई प्रर्दशनकारियों की भीड़ स्वीडन के दूतावास में घुस गई। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी करीब 15 मिनट तक स्वीडन दूतावास के अंदर रहे।

स्वीडन से इस साल की शुरुआत में भी कुरान जलाए जाने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद तुर्की ने कहा था कि “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने” ऐसे “इस्लाम विरोधी काम” को होने देना मंजूरी नहीं है। इस घटना के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि हम अहंकारी पश्चिमी लोगों को बताएंगे कि मुसलमानों का अपमान करना freedom of expression नहीं है।