अमेरिका के राष्‍ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन डोनाल्‍ड ट्रंप की जीत से चीन हैरान है। चीन के सरकारी अखबारों ने बाकी दुनिया की तरह ट्रंप के राष्‍ट्रपति चुने जाने पर हैरानी जताई है। बीजिंग के ग्‍लोबल टाइम्‍स अखबार ने संपादकीय में लिखा है, ”काफी समय तक, लोगों को लगा कि क्लिंटन की जीत होने वाली है और ट्रंप का पागलपन भरा चुनाव प्रचार किसी भी वक्‍त खत्‍म हो जाएगा।” अखबार लिखता है कि ”न तो अमेरिका, न ही दुनिया उनके राष्‍ट्रपति होने के ल‍िए तैयार है।” अखबार ने संपादकीय में लिखा है कि अगर डाेनाल्‍ड ट्रंप जैसा कोई ”जो बड़बोला और अहंकार से भरा हो”, राष्‍ट्रपति बन सकता है तो अमेरिका के साथ ”कुछ गड़बड़ है।” अखबार आगे लिखता है, ”ट्रंप की जीत अमेरिकी राजनीति के दिल पर चोट है। शुरुआत में मुख्‍यधारा की अमेरिकी मीडिया ने उन्‍हें (ट्रंप) को नजरअंदाज किया। वह एक बड़बोले और अहंकारी व्‍यक्ति के रूप में जाने जाते थे। लेकिन अगर ऐसा व्‍यक्ति राष्‍ट्रपति बन सकता है तो वर्तमान राजनैतिक तंत्र के साथ कुछ गड़बड़ जरूर है।” चीन की सरकार द्वारा चलाया जाने वाला अखबार मानता है कि ‘सबसे ज्‍यादा अनिश्चितता’ ट्रंप की विदेश नीति में हैं, जो कि उनके चुनाव प्रचार के दौरान एक सीमा से दूसरी सीमा तक पहुंचती रही है। ग्‍लोबल टाइम्‍स लिखता है, ”चीन-अमेरिका रिश्‍तों और अमेरिका-रूस रिश्‍तों के भविष्‍य का असर पूरे अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय पर होगा। ट्रंप ने अमेरिकी आर्थिक हितों को ध्‍यान में रखने पर ख्‍ूाब प्रचार किया है, इससे रूस-अमेरिका के भू-राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता आ‍र्थिक प्रतिद्वंद्विता में बदल सकती है।”

जीत के बाद क्‍या बोले डोनाल्‍ड ट्रंप, देखें वीडियो: 

चीन का सरकारी अखबार चीन के प्रति ट्रंप प्रशासन के रुख को लेकर असहज है, अखबार ने दोनों देशों के रिश्‍तों पर ‘अनिश्चितता’ की बात लिखी है। ग्‍लोबल टाइम्‍स लिखता है कि रूस-अमेरिका रिश्‍तों में शायद ”हितों का टकराव तेज हो जाए’ मगर यह भी संभव है कि ट्रंप चीन के साथ जॉर्ज बुश प्रशासन की तरह रिश्‍तें बनाकर रखें।

अखबार ने चीनी सरकार को चेताते हुए लिखा है कि ”चीन को अपनी ताकत के साथ अपने हितों की रक्षा करने की जरूरत है। अगर ट्रंप द्विपक्षीय व्‍यापार को निशाना बनाना चाहते हैं तो उन्‍हें चीन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के परिणाम के बारे में सोच लेना चाहिए।”