राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से फिर सत्ता हासिल की है, उनकी तरफ से रोज बड़े ऐलान हो रहे हैं। कभी वे टैरिफ बम फोड़ते हैं तो कभी हजारों लोगों को नौकरी से निकलवा देते हैं। अब इस बीच उनकी तरफ से एक अजीबोगरीब फरमान भी जारी किया है। उन्होंने शावरहेड और अन्य घरेलू उपकरणों में पानी के प्रेशर पर लगी लिमिटेशन को खत्म करने का ऐलान किया है।
पानी के प्रेशर पर ट्रंप का फैसला
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस फैसले के बारे में कहा कि मेरे केस में मुझे अच्छा शावर चाहिए, मुझे मेरे सुंदर बालों का ध्यान रखना है। पहले मुझे 15 मिनट तक शावर के नीचे खड़ा रहना पड़ता था, यह बिल्कुल ही वाहियात अनुभव था। अब जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका ने कई साल पहले पानी बचाने के लिए एक फैसला किया था। उस फैसले के तहत शावर के पानी का प्रेशर कम कर दिया गया था। लेकिन ट्रंप ने उस पुराने फैसले को ही पलट दिया है।
ट्रंप ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
असल में 1992 में अमेरिका ने एक ऊर्जा नीति अधिनियम (Energy Policy Act) लागू किया था। इसके तहत शावरहेड्स में पानी का प्रवाह 2.5 गैलन प्रति मिनट तक कर दिया गया था। इससे दो चीजें हो रही थीं, पानी बच रहा था और ऊर्जा की भी बचत देखने को मिल रही थी। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप शुरुआत से ही इस फैसले के खिलफ रहे, अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्होंने कई बार इसे उठाया।
टैरिफ लगाने में भी आगे ट्रंप
उनका तर्क रहा कि कम वॉटर प्रेशर की वजह से लोगों को नहाने तक में दिक्कत होती है, उनके बाल भी नहीं धुल पाते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने यहां तक कहा था कि लोगों को 10-10 बार शावर के सामने जाना पड़ता है। इन्हीं बातों को आधार बनाकर राष्ट्रपति ट्रंप ने इतने पुराने फैसले को अब रद्द कर दिया है। जानकार मानते हैं कि इससे जो पानी की बचत हो रही थी, फिर वहां चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। वैसे चुनौतियां तो व्यापारिक स्तर पर भी हैं, ट्रंप के टैरिफ से पूरी दुनिया परेशान है। उस बारे में जानने के लिए इस खबर का रुख करें