Trump Relaxation On Tariff: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार देर रात भारत समेत 75 देशों को बड़ी राहत देने का काम किया। उनकी तरफ से बढ़े हुए टैरिफ पर 90 दिनों की रोक लगा दी गई। लेकिन चीन को लेकर उनका स्टैंड स्पष्ट दिखा, वहां और ज्यादा टैरिफ लगाया गया। अब चीन पर अमेरिका ने 125% टैरिफ ठोक दिया है। माना जा रहा है कि दूसरे देशों को मिली राहत का असर जरूर रहेगा, लेकिव चीन के साथ बढ़ती तकरार का नुकसान भी होगा।

भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत

यहां पर समझने वाली बात यह है कि अमेरिका और चीन के बीच में काफी व्यापार होता है, दोनों ही देश एक दूसरे पर कई चीजों के लिए निर्भर हैं। ऐसे में ट्रेड वॉर की वजह से आर्थिक मंदी का खतरा मंडराने लगा है। इस बीच ट्रंप की राहत ने भारत जैसे देशों को चैन की सांस जरूर दे दी है। माना जा रहा है कि भारत ने रणनीति के तहत अमेरिका पर जवाबी टैरिफ नहीं लगाया था, इसके बजाय बातचीत का चैनल खोला गया। अब इसी का नतीजा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को राहत दे दी है।

चीन पर क्यों 125 फीसदी टैरिफ?

वैसे जिन 75 देशों को राहत मिली है, वहां उन पर रेसिप्रोकल टैरिफ तो नहीं लगेगा, लेकिन 10 फीसदी शुल्क जरूर जारी रहेगा। अपने इस फैसले के बारे में ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा कि मैंने 90 दिनों के लिए पॉज कर दिया है, दूसरे देशों पर भी रेसिप्रोकल टैरिफ घटाकर 10 फीसदी किया है। यह फैसला तुरंत ही लागू हो जाएगा। चीन का जिक्र करते हुए ट्रंप ने लिखा कि वो विश्व बाजारों के प्रति काफी असम्मान दिखा रहा है, इसी वजह से अमेरिका अब उससे 125 फीसदी टैरिफ वसूलेगा। चीन को समझना ही पड़ेगा कि अमेरिका और दूसरे देश उसका शोषण बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं।

ट्रंप बोले- दुनिया हमारे साथ ट्रेड डील करने को बेताब

अब राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन को तो बड़ा झटका दिया है, लेकिन बाकी देशों के प्रति नरम रुख भी अपनाया है। जानकार मानते हैं कि अमेरिकी बाजार ने भी ट्रंप के टैरिफ का स्वागत नहीं किया था, वहां भी कोरोना काल के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली, ऐसे में ट्रंप पर दबाव पहले से था। उन्हें कोई तो कदम उठाना ही था, इसी कड़ी में यह राहत भारत समेत 75 देशों को मिली है।

लेकिन इससे पहले ट्रंप ने पोस्ट में कहा था कि दुनिया भर के नेता अमेरिका के साथ समझौता करने को बेताब हैं और ट्रैरिफ घोषणा पर समझौता करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। मैं आपको बता रहा हूं, ये देश हमसे संपर्क कर रहे हैं। मेरे आगे नाक रगड़ रहे हैं। वैसे ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ नीति को सरल शब्दों में समझा जा सकता है, इस खबर का रुख करें