अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार (20 जनवरी) को पद की शपथ लेंगे।  14 जून 1946 को अमेरिका में जन्मे रिपब्लिकन नेता ट्रंप बराक ओबामा की जगह लेंगे। रियल एस्टेट और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़े रहे ट्रंप अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति होंगे। तड़क-भड़क वाली लाइफस्टाइल के चलिए चर्चित रहे ट्रंप के शपथ ग्रहण (इनॉगरेशन सेरेमनी) के बेहद भव्य होने का अनुमान है। आइए हम आपको बताते हैं कि उनके इनॉगरल सेरेमनी पर कितना खर्च होगा और इस खर्च का भुगतान किसे करना होगा।

डोनाल्ड ट्रंप के इनॉगरेशन डे और उसके बाद करीब एक हफ्ते तक होने वाले कार्यक्रमों में करीब 1360 रुपये खर्च होने का अनुमान है। इनॉगरल सेरेमनी की ज्वाइंट कांग्रेशनल कमेटी, प्रेसिडेंट इनॉगरल कमेटी (जिसमें ट्रंप के दोस्त और दानदाता शामिल हैं), अमेरिकी सरकार, प्रांतीय और स्थानीय सरकारें। कुल मिलाकर निजी दानदाता और करदाता कुल खर्च मिल बांट कर वहन करते हैं।

इनॉगरल सेरेमनी में सबसे अधिक खर्च सुरक्षा पर होता है। सत्ता हस्तांतरण बगैर किसी व्यवधान के संपन्न हो इसके लिए सुरक्षा अधिकारी एक साल पहले से तैयारी करना शुरू कर देते हैं। इस पूरे हफ्ते केंद्र, राज्य और स्थानीय एजेंसियों के 28 हजार सुरक्षाकर्मी हम दम मुस्तैद रहेंगे। इनमें खुफिया एजेंसियों, एफबीआई और नेशनल गॉर्ड भी शामिल हैं। कुल खर्च का करीब आधा (680 करोड़ रुपये) सुरक्षा मद में खर्च होता है। ये पूरा खर्च अंततोगत्वा अमेरिकी सरकार को वहन करना होता है।

ट्रंप की पहले से तुलना- माना जा रहा है ट्रंप का शपथग्रहण कार्यक्रम अब तक के किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथग्रहण कार्यक्रम से खर्चीला होगा। मुद्रास्फिति और ट्रंप के दान में आई बढ़ोतरी को खर्च बढ़ने की वजह माना जा रहा है। ट्रंप की इनॉगरल कमेटी ने 10 करोड़ डॉलर (680 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। ट्रंप को बड़े कारोबारियों, दूसरे अमीरों और आम समर्थकों ने ये चंदा दिया है। साल 2009 में बराक ओबामा की इनॉगरल कमेटी ने इस तरह चंदों से करीब 5.3 करोड़ डॉलर जुटाए थे।