अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा संघर्ष को खत्म करने के लिए शांति योजना लागू करने की घोषणा की है। ट्रंप ने गाजा में शांति स्थापित करने के लिए 20 सूत्रीय प्लान तैयार किया है। ट्रंप और नेतन्याहू ने कहा कि वो गाजा में युद्ध खत्म करने की योजना पर सहमत हो गए हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमास उनकी शर्तें मानेगा या नहीं। डोनाल्ड ट्रंप की शांति के उद्देश्य से बनाई गई नई 20-सूत्रीय योजना गाजा में लगभग तीन साल से चल रहे युद्ध को सुलझाने के उनके पिछले प्रयासों से दो कुछ मायनों में अलग है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के नए गाजा पीस प्लान के मुताबिक, फ़िलिस्तीनियों को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, व्हाइट हाउस द्वारा जारी दस्तावेज़ में कहा गया है, “हम लोगों को गाजा में रहने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और उन्हें एक बेहतर गाजा बनाने का अवसर प्रदान करेंगे।” दूसरा, नई योजना फ़िलिस्तीनी आत्मनिर्णय और राज्य के दर्जे के लिए एक विश्वसनीय मार्ग की संभावना को जीवित रखती है, जिसका नेतन्याहू लगातार विरोध करते रहे हैं। यह योजना, गाजा में संकट को हल करने के दृष्टिकोण पर ट्रंप के पुराने बयानों से अधिक संतुलित है और शांति समझौते को पूरा करने में उनकी निरंतर भागीदारी का संकेत देती है।
ट्रंप की 20-सूत्रीय योजना में क्या-क्या लिखा है?
ट्रंप की 20-सूत्रीय योजना, युद्ध को तुरंत खत्म करने और दोनों पक्षों द्वारा तीन दिनों के भीतर बंधकों की वापसी की बात कहती है। पहली बार, इसमें युद्धोत्तर गाजा के भविष्य का विस्तार से वर्णन किया गया है और कार्यान्वयन के लिए एक ‘शांति बोर्ड’ बनाया गया है, जिसके अध्यक्ष खुद डोनाल्ड ट्रंप हैं।
इस योजना की घोषणा इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण के दौरान यूरोपीय देशों द्वारा फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दिए जाने पर हमला करने के कुछ ही दिनों बाद हुई है। ट्रंप की नई योजना युद्धविराम के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर देती है। इसे कथित तौर पर कुछ अरब और मुस्लिम देशों के नेताओं ने भी समर्थन दिया है।
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क्या हमास उस प्रस्ताव पर सहमत होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हमास उस प्रस्ताव पर सहमत होगा जिसके तहत उसे सत्ता और अपने हथियार सौंपने होंगे? क्या नेतन्याहू इजरायल सरकार में अपने अतिवादी दक्षिणपंथी सहयोगियों को अपने साथ जोड़ पाएंगे? क्या ट्रंप जो गाजा के पुनर्निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष होंगे, वास्तव में इस शांति समझौते के लिए प्रतिबद्ध होंगे क्योंकि यह निश्चित रूप से एक लंबी प्रक्रिया होगी।
सीबीएस न्यूज़ ने व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि कतर के प्रधानमंत्री (मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम बिन जाबेर अल थानी) और मिस्र के एक खुफिया प्रमुख ने हमास के वार्ताकारों से मुलाकात की और ट्रंप का 20 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया। हमास अगर इस समझौते को अस्वीकार करता है तो ट्रंप ने इज़रायल को युद्ध जारी रखने और उसे खत्म करने की अनुमति दे दी है। दिलचस्प बात यह है कि ओवल ऑफिस की बैठक के दौरान, नेतन्याहू से कतर के प्रधानमंत्री को फ़ोन करके हमास नेतृत्व को निशाना बनाकर किए गए पहले हवाई हमले के लिए माफ़ी मांगने के लिए कहा गया था।
कहां कमजोर पड़ती है ट्रंप की योजना?
20-सूत्रीय योजना में अभी भी विस्तृत विवरण, समय-सीमा और रोडमैप का अभाव है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा इसलिए है क्योंकि इस योजना को कैसे लागू किया जाए, इस बारे में अभी भी कई महत्वपूर्ण विवरण दिए जाने बाकी हैं। जेरूसलम सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड फॉरेन अफेयर्स में मध्य पूर्व और भूमध्यसागरीय भू-राजनीति की वरिष्ठ फेलो दलिया ज़ियादा के अनुसार, गाजा में ट्रंप की शांति योजना युद्धविराम समझौते से ज़्यादा इज़रायल-फिलिस्तीनी और इजरायल-अरब संबंधों के भविष्य के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण है। हालांकि, इसके नकारात्मक पहलुओं में यह शामिल है कि प्रस्तावित योजना अस्पष्ट लेखों से भरी है जो कार्यान्वयन और सीमाओं पर गहन चर्चा की मांग करती है और अरब देशों की भागीदारी और ज़िम्मेदारी अभी भी न्यूनतम है।
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