अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय इजरायली संसद को संबोधित कर रहे हैं। उनका यह संबोधन इजरायल – हमास के बीच हुए युद्ध विराम के बीच हो रहा है। इजरायली संसद को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह नए मध्य पूर्व के लिए ऐतिहासिक शुरुआत है।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अब से आने वाली कई पीढ़ियांं इस पल को उस रूप में याद रखेंगी, जब सब कुछ बदलना शुरू हुआ, वो भी बहुत ज़्यादा बेहतरी के लिए। इजरायली राष्ट्रपति के लिए उन्होंने कहा कि नेतन्याहू “सबसे आसान व्यक्ति नहीं हैं, लेकिन यही बात उन्हें महान बनाती है।”

इजरायली संसद में संबोधन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप को वामपंथी इजरायली नेसेट सदस्य के विरोध का सामना भी करना पड़ा।

‘इजरायल के शक्तिशाली बनने से शांति स्थापित हुई’

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि इजरायल के मजबूत और शक्तिशाली बना, जिससे शांति स्थापित हुई। उन्होंने कहा कि आखिरकार न सिर्फ इजरायलियों के लिए, बल्कि फिलिस्तीनियों के लिए भी लंबा दुःस्वप्न खत्म हो गया। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह इजरायल और मध्य पूर्व के लिए एक बहुत ही रोमांचक समय है। इस क्षेत्र में अराजकता फैलाने वाली ताकतें पूरी तरह से पराजित हो गई हैं।

इजरायली संसद में और क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?

  1. अगर ईरान के पास परमाणु हथियार होते, तो अरब देश इस समझौते को लेकर सहज नहीं होते।
  2. हमने मध्य पूर्व और इज़राइल से एक बड़ा संकट दूर कर दिया है।
  3. अगर हम ईरान के साथ शांति समझौता कर पाते, तो यह बहुत अच्छा होता।
  4. पहले रूस पर ध्यान दें, हम इसे पूरा कर लेंगे।
  5. मेरा प्रशासन लेबनानी सरकार को हिज़्बुल्लाह को निरस्त्र करने में मदद कर रहा है।
  6. पूरे क्षेत्र ने हमास को निरस्त्र करने की योजना का समर्थन किया है। इज़राइल ने हमारी मदद से, अपनी सारी ताकत से जीत हासिल कर ली है।
  7. अब तुम युद्ध में नहीं हो, बीबी (बेंजामीन नेतन्याहू) तुम बेहतर कर सकते हो।
  8. सऊदी अरब ने भी कहा कि अब समय आ गया है कि हम चरमपंथ से मुक्त भविष्य का निर्माण करें।
  9. थोड़ी देर में मैं दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों से मिलूंगा। ये अद्भुत लोग हैं जिन्होंने यह सब संभव बनाया।
  10. हमने मिलकर दिखाया है कि शांति सिर्फ़ एक उम्मीद नहीं, बल्कि एक हकीकत है। अगर आप सब अब्राहम समझौते में शामिल होते हैं, तो आप मुझ पर एक एहसान करेंगे।