Donald Trump Tariff News: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया को अपने टैरिफ बम से डरा रखा है। चीन पर तो इतना ज्यादा टैरिफ लगा है उसकी करेंसी काफी टूट चुकी है। अब हर किसी को लग रहा है ये सिर्फ राष्ट्रपति ट्रंप का कियाधरा है, लेकिन असल में उनकी योजना को अमलीजामा पहनाने का काम तो किसी और ने किया है।

अब जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कई सारे आर्थिक सलाहकार भी काम करते हैं। असल में एक एजेंसी है जिसे ‘The Council of Economic Advisors’ नाम दिया गया है। इसका गठन 1946 में किया गया था। अब हर राष्ट्रपति को उनके कार्यकाल में ऐसे ही आर्थिक सलाहकार मिलते हैं, ट्रंप को भी मिले हैं। उनकी एक तीन सदस्यों की टीम है जो इस समय टैरिफ की पूरी पटकथा लिख रही है। यहां उस टीम के बारे में जानते हैं-

पीटर नैवारो

पीटर नैवारो वर्तमान में राष्ट्रपति ट्रंप के आर्थिक मामलों के सलाहकार हैं। चीन को लेकर उनके विचार हमेशा से ही काफी सख्त रहे हैं, उनकी दो किताबें China Wars और 2011 में Death by China नाम बताने के लिए काफी है कि वे चीन की नीतियों को बखूबी समझते हैं और उसे काउंटर करना भी जानते हैं। 2017 से 2021 तक नैवारो व्हाइट हाउस में नेशनल ट्रेड काउंसिल के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। ट्रंप की अमेरिकी फर्स्ट वाली नीति के वे समर्थन बताए जाते हैं।

नैवारो वहीं शख्स हैं जिन्होंने ट्रंप के सामने रेसिप्रोकल टैरिफ का आइडिया भी रखा था। उनका मानना था कि ऐसा करने से अमेरिका का व्यापार घाटा संतुलित हो जाएगा और दूसरे देशों को भी अपनी आर्थिक नीति बदलनी पड़ेगी।

अमेरिकी टैरिफ पर चीन का रिएक्शन

स्कॉट बेसेंट

स्कॉट बेसेंट वर्तमान में वित्त मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। एक जमाने में उन्होंने जॉर्ज सोरोस के साथ भी काम कर रखा है। वे भी ट्रंप की तमाम आर्थिक नीतियों की जमकर वकालत करते हैं, नैवारो भी जो रेसिप्रोकल टैरिफ का जिक्र करते हैं, उसे भी वे पूरी तरह ठीक मानते हैं। उनके मुताबिक अमेरिका में ऐसे टैरिफ से कोई मंदी नहीं आएगी बल्कि उनकी इकोनॉमी को फायदा ही होगा।

हावर्ड लुटनिक

ट्रंप सरकार में हावर्ड लुटनिक वाणिज्य मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। लेकिन एक मंत्री से पहले वे ट्रंप के करीबी दोस्त हैं, उनके बड़े बिजनेस फैसले में साथ रहे हैं। एक इन्वेस्टमेंट बैंकर होने की वजह से भी टैरिफ को लेकर उनकी जानकारी काफी तगड़ी है। वे ट्रंप की अमेरिका ग्रेट अगेन वाली विचारधारा का कई बार स्वागत कर चुके हैं। चीन और वियतनाम जैसे देशों पर जब भी ज्यादा टैरिफ लगाने की बात हुई है, लुटनिक का नाम इसमें सबसे आगे रहा है।