Protest Against Donald Trump and Elon Musk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी नीतियों और हाल ही में लगाए गए टैरिफ को लेकर अपने ही देश में घिर गए हैं। शनिवार को पूरे अमेरिका में ट्रंप और उनके सलाहकार एलन मस्क के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। वाशिंगटन में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों और कार्यकारी आदेशों के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हजारों संघीय कर्मचारियों को निकालने, सामाजिक सुरक्षा प्रशासन के क्षेत्रीय कार्यालयों को बंद करने, अप्रवासियों को निर्वासित करने, ट्रांसजेंडरों के लिए सुरक्षा को कम करने के ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया।
रॉयटर के मुताबिक, यूरोप के कई शहरों में सैकड़ों लोगों ने शनिवार को ट्रंप और मस्क के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस अभियान को ‘हैंड्स आफ’ नाम दिया गया है। अमेरिका में नागरिक अधिकार संगठनों, श्रमिक संघों सहित 150 से अधिक समूहों ने 1,200 से अधिक प्रदर्शनों का आयोजन की योजना बनाई है।
वाशिंगटन में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारे राष्ट्रपति ट्रंप दूसरे लोगों हितों की कठपुतली हैं। टैरिफ हमारे देश को नष्ट करने का एक औजार है।
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह पश्चिम और पश्चिमी गठबंधनों को नष्ट करने और बाधित करने की पुतिन की योजना है और उसके पास एक आदर्श कठपुतली है। उसने ट्रम्प को अपना काम कराने के लिए मज़बूर किया है। यह पूरी तरह से अमेरिका को अलग-थलग करने के लिए है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मैं यहां उन सभी लोगों का समर्थन करने आई हूं जो अपनी नौकरी, स्वास्थ्य बीमा, चिकित्सा, सामाजिक सुरक्षा, आवास, भोजन के लिए लड़ रहे हैं… लोग कष्ट में हैं क्योंकि उनके पास पैसा नहीं है… कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि ट्रंप ने जो अत्यधिक टैरिफ की घोषणा की है, वह अमेरिकियों और दुनिया भर के लोगों के लिए एक चेतावनी है कि वे समझें कि ट्रंप एक विनाशकारी शक्ति हैं। उनकी नीतियां अमेरिकियों और भारत जैसे सहयोगियों के लिए अच्छी नहीं हैं। हमें उनके साथ साझेदार के रूप में काम करना चाहिए। ऐसे टैरिफ नहीं लगाने चाहिए जो अमेरिका और भारत के लोगों को गरीब बना दें। मुझे उम्मीद है कि PM मोदी डोनाल्ड ट्रंप से संपर्क करेंगे और उन्हें समझाएंगे कि ये टैरिफ अमेरिका, भारत और दुनिया के लिए बुरे हैं।
वाशिंगटन, डीसी में नेशनल माल, राज्य की राजधानियां और सभी 50 राज्यों में अन्य स्थानों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उधर बर्लिन, पेरिस समेत यूरोप के कई शहरों में भी शनिवार को प्रदर्शन किया गया। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में प्रदर्शन का आयोजन डेमोक्रेट्स अब्राड द्वारा किया गया था, जो विदेश में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का संगठन है।
टेस्ला शोरूम के सामने भी प्रोटेस्ट
बर्लिन में टेस्ला शोरूम के सामने भी प्रदर्शन किया गया। फ्रैंकफर्ट में ओवरसीज डेमोक्रेट्स समूह के सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर नारे लिखे थे। फ्रांस की राजधानी पेरिस में लगभग 200 लोग, जिनमें से अधिकतर अमेरिकी थे, ट्रंप के विरोध में प्लेस डे ला रिपब्लिक पर जुटे।
प्रदर्शनकारियों ने ”तानाशाह का विरोध करें”, ”लोकतंत्र बचाओ” जैसे बैनर लहराए। लंदन और लिस्बन सहित अन्य यूरोपीय शहरों में भी ट्रंप और मस्क के खिलाफ प्रदर्शन हुए। लंदन में ट्राफलगर स्क्वायर में एकत्रित होकर प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए।
ट्रंप के टैरिफ लगाए जाने से नाराज हैं लोग
यह प्रदर्शन राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में टैरिफ की घोषणा के बाद हो रहे हैं, जिसने दुनिया के वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक भागीदारों की चिंता को बढ़ा दिया था।
डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को दुनिया भर के देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की। फरवरी में दूसरी बार कार्यभार संभालने के तुरंत बाद ट्रंप ने निष्पक्षता और पारस्परिकता पर केंद्रित एक नई व्यापार नीति की रूपरेखा तैयार की और कहा कि अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करेगा, अन्य देशों पर वही शुल्क लगाएगा जो वे अमेरिकी वस्तुओं पर लगाते हैं।
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