अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने परिवार के साथ संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हैं। इस बात की जानकारी यूएई की सरकारी समाचार समिति ‘डब्ल्यूएएम’ ने दी है। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि गनी देश में कहां हैं। इसमें देश के विदेश मंत्रालय के एक लाइन वाले बयान को उद्धत किया गया है।
इसी बीच तजाकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत मोहम्मद जहीर अघबार ने अशरफ गनी पर सरकारी कोष से 16.9 करोड़ डॉलर की ‘चोरी’ करने का आरोप लगाया है। मोहम्मद जहीर ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस से उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है। इन सभी बातों को अफगान राष्ट्रपति ने निराधार बताया है। अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अशरफ गनी बुधवार की रात पहली बार दुनिया के सामने आए और वतन छोड़ने की वजह बताई।
अपना वीडियो संदेश जारी कर उन्होंने कहा कि मैं देश छोड़कर नहीं आता तो कत्लेआम हो जाता, खून-खराबा होता। मैं देश में ऐसा होते नहीं देख सकता था, इसलिए मुझे हटना पड़ा। उन्होंने पैसे लेकर भागने के आरोपों को भी खारिज किया।
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, “ये आरोप बेबुनियाद हैं। मैं देश के पैसे लेकर नहीं आया हूं। मेरे पास अपने जूते बदलने का भी समय नहीं था।” अशरफ गनी रविवार को राष्ट्रपति भवन में पहनी हुई सैंडल के साथ ही काबुल से निकल गए थे।
अशरफ गनी ने कहा, “मैं शांति से सत्ता सौंपना चाहता था। अफगानिस्तान छोड़कर मैंने अपने मुल्क के लोगों को खूनी जंग से बचाया है। मैं अभी भी अफगानिस्तान वापस लौटने के रास्ते तलाश रहा हूं। मैं न्याय, अफगानी संप्रभुता और सही मायने में इस्लामिक मूल्यों को बहाल करने की लड़ाई लड़ता रहूंगा।”
तालिबान के काबुल के पास पहुंचते ही गनी रविवार को अफगानिस्तान छोड़कर चले गए थे और बुधवार तक उनके ठिकाने की कोई जानकारी नहीं थी। बाद में संयुक्त अरब अमीरात ने कहा कि उसने ”मानवीय आधार” पर गनी और उनके परिवार को अपने यहां अनुमति दी है।
राजदूत मोहम्मद जहीर अघबार ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ” गनी ने राज्य के खजाने से 16.9 करोड़ डॉलर चुराए” और गनी के जाने को ”राज्य और राष्ट्र के साथ विश्वासघात” करार दिया।