विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इटली के एक डॉक्टर के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होने कहा था कि कोरोना वायरस पहले से कमजोर पड़ गया है और देश में अब मौजूद नहीं है। डबल्यूएचओ ने इटली के डॉ. एल्बर्टो जैंग्रिलो के कोरोना के देश में न होने के दावे का खंडन किया है। डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रेयान ने सोमवार को कहा, ‘‘हमें अब भी काफी सावधान रहने की जरूरत है। हमारे अंदर यह समझ पैदा न हो कि अचानक वायरस ने अपनी इच्छा से कम संक्रामक होने का फैसला ले लिया है। यह ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह अब भी जानलेवा है।’’
संक्रमण के शुरूआती समय में वायरस ने इटली में सबसे ज्यादा कोहराम मचाया था। मार्च और अप्रैल के महीने में बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हुई थी। यहां अब तक कोरोना वायरस ने 33 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। हालांकि थोड़े राहत की बात ये है कि अब यहां नए मरीजों की संख्या में भारी गिरावट आ गई है। जैंग्रिलो का यह बयान तब आया है जब इटली सरकार कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए किए गए तीन महीने पुराने लॉकडाउन में ढील देने का विचार कर रही है।
जेनोआ के सैन मार्टीनो अस्पताल में संक्रामक बीमारियों की प्रमुख मैशियो बसेटी का कहना है कि देश में पिछले दो महीने में वायरस कमजोर हुए है। शुरुआत में वायरस जितना ताकतवर था अब उतना नहीं है। हालांकि, डबल्यूएचओ ने इस दावों को फिलहाल खारिज कर दिया है। डबल्यूएचओ का कहना है कि ऐसी धारणाएं नहीं फैलनी चाहिए कि वायरस अचानक से अपने आप कमजोर हो गया है।
Coronavirus Live update: यहां पढ़ें कोरोना वायरस से जुड़ी सभी लाइव अपडेट….
इटली की राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिषद के प्रमुख फ्रैंको लोकाटेली ने भी वायरस का खतरा कम होने के दावे पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि हर दिन इटली में नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे पता चलता है कि इटली में अब भी कोरोना संक्रमण की चेन जारी है।
बता दें पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 62 लाख 35 हजार से ज्यादा हो गई और मृतकों की संख्या बढ़कर तीन लाख 73 हजार से ज्यादा हो गई है। जबकि 27 लाख 81 हजार से ज्यादा लोगों ने कोरोना को मात दे दी है।