सिंगापुर में एक अजीबोगरीब मामले में पुरुष के रूप में रह रही 40 वर्षीय एक महिला को पिछले दो साल से एक नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में सोमवार 10 साल जेल की सजा सुनाई गई। जुनिका अहमद जैविक रूप से एक महिला है लेकिन कई वर्ष से वह पुरुष के तौर पर रह रही थी और उसने दो महिलाओं के साथ शादी भी की। उसने अपना नाम एक किशोर लड़की के पिता के तौर पर भी पंजीकृत कराया है।
सिंगापुर की शीर्ष अदालत ने वहां के हाई कोर्ट के न्यायाधीश के फैसले को पलटते हुए जुनिका की उसे बरी किए जाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी और बमुश्किल दो हफ्ते बाद यह सजा सुनाई गई। हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा था कि किसी नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के अपराध के लिए सिर्फ एक पुरुष के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार जुनिजा की गिरफ्तारी तक उसका परिवार और 13 वर्षीय पीड़ित उसकी वास्तविक पहचान से अनजान थे। अप्रैल में हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने यह कहकर जुनिका को यौन उत्पीड़न के आरोप से मुक्त कर दिया था कि कानून की जिस विशिष्ट धारा के तहत उस पर आरोप लगाया गया है उसमें ‘दोषी के तौर पर एक महिला नहीं आती है।’
जुनिजा पिछले दो साल से अपनी पड़ोसी का यौन उत्पीड़न कर रही थी। दोनों संबंध में थे और इन यौन कृत्यों में लड़की की सहमति भी थी, बावजूद इसके सिंगापुर के कानून के अनुसार यह अवैध था क्योंकि सिगापुर में यौन सहमति की उम्र 16 साल है। विवाद होने पर जुनिका के पीड़ित के साथ अपने संबंध खत्म करने और पीड़ित के पुलिस के पास जाने के बाद इस अपराध का खुलासा हुआ।