Bangladesh News: नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने मान लिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए साजिश रची गई थी। अमेरिका में क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव की मीटिंग को संबोधित करते हुए यूनुस ने बांग्लादेश के छात्र नेताओं की तारीफ की। इस मीटिंग में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल थे।

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार , अपने भाषण में यूनुस ने कहा कि कोई भी यह नहीं बता पाया कि विरोध प्रदर्शन के पीछे किसका हाथ था। हालांकि, यूनुस ने महफूज आलम का नाम लिया। इससे यह इशारा मिलता है कि हसीना को देश से बाहर निकालने में उनकी भूमिका थी। यह आंदोलन अचानक से नहीं शुरू हुआ। इसे पूरे एहतियात के साथ डिजाइन किया गया था। आंदोलन की लीडरशिप भी इसी के तहत तैयार की गई थी। किसी को नहीं पता कि यह लीडर कौन था।

महफूज आलम का दिया परिचय

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने इस मीटिंग में महफूज आलम का परिचय भी दिया। उन्होंने कहा कि अगर आप इन छात्र नेताओं का चेहरा देखेंगे तो ये आम युवा की तरह ही नजर आएंगे। लेकिन जब ये बोलना शुरू करेंगे तो आप भी कांप जाएंगे। इन्होंने अपने भाषणों से पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इतना ही यूनुस ने शेख हसीना की सरकार के दौरान छात्र नेताओं पर हुए हमलों का भी जिक्र किया।

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शेख हसीना ने छोड़ा बांग्लादेश

इससे पहले मोहम्मद यूनुस ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस लाया जाना चाहिए और अगर उन्होंने कोई अपराध किया है तो उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। चुनावों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में चुनावों के लिए कोई तय समय-सीमा नहीं है।

ढाका ट्रिब्यून ने उनके हवाले से कहा कि सुधारों के लिए गठित आयोगों से आने वाले महीनों में सिफारिशें देने की उम्मीद है। इसके बाद चुनाव की तारीख तय की जाएगी। यूनुस ने यह भी बताया कि उनका चुनाव लड़ने का कोई प्लान नहीं है। बता दें कि छात्रों के विद्रोह के बाद हसीना ने 5 अगस्त को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और भारत आ गईं।