चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है। बीजिंग में साल की पहली मीटिंग में चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि देश के सशस्त्र जवानों को युद्ध और किसी भी अप्रत्याशित संकट का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। जिनपिंग ने सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) की बैठक में कहा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को तेजी से बढ़ते आधुनिकीकरण, अप्रत्याशित संकट और युद्ध के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। बता दें कि सीएमसी देश का शीर्ष सैन्य संगठन है, जिसके अध्यक्ष राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं। शुक्रवार (4 जनवरी) को जिनपिंग द्वारा ड्रैगन को दिए इस आदेश को वर्ष 2019 के पहले आदेश के रूप में देखा जा रहा है। यहां उन्होंने सशस्त्र बलों के पूरे वर्ष प्रशिक्षण के लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर भी किए हैं।

भारत के साथ बार्डर पर भूमि समस्या के अलावा, जिनपिंग का यह आदेश दक्षिण चीन सागर को लेकर कई देशों के साथ जारी विवादों की पृष्ठभूमि के रूप में भी देखा जा रहा है। वहीं, ताइवान को लेकर भी चीन और अमेरिका के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, जिनपिंग ने कहा, “देश के सशस्त्र बलों को चीन की सुरक्षा, विकासात्मक गतिविधियां, खतरे, संकट और युद्ध के बारे को लेकर पूरी समझदारी होनी चाहिए। साथ ही सेना को पार्टी (सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना) के द्वारा सौंपे गए कार्याें को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर ठोस प्रयास करना चाहिए।”

चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, जिनपिंग ने कहा, “दुनिया में अभी ऐसे बदलाव हो रहे हैं, जो पूरी एक सदी में नहीं देखे गए। चीन में अभी विकास का महत्वपूर्ण समय है।” बैठक में चीनी राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों से आकस्मिक और प्रभावी ढ़ंग से जवाब देने की क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “सेना संयुक्त अभियानों की नियंत्रण क्षमता बढ़ाए। नए लड़ाकु बल को बढ़ावा दे और सैन्य प्रशिक्षण में सुधार करे।”

चीन के राष्ट्रपति ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को ताइवान से कहा कि वह स्वतंत्रता की बात को छोड़कर ‘एक देश दो प्रणाली’ के आधार पर चीन के साथ ‘शांतिपूर्ण पुन: एकीकरण’ को अपनाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ताइपे स्वतंत्रता के विचार पर कायम रहता है तो वह सेना का इस्तेमाल करने के विकल्प से पीछे नहीं हटेंगे।

शी ने ताइवान को हालिया महीने में अमेरिका के बढ़ते समर्थन का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि उनका संदेश उनके ताइवानी साथियों के लिए नहीं हैं बल्कि हस्तक्षेप करने वाले बाहरी तत्वों के लिए है। उनका संदेश ‘‘ताइवान की स्वतंत्रता’’ के समर्थक अलगाववादियों और उनकी गतिविधियों के लिए है। (एजेंसी इनपुट के साथ)