चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण के लिए एक नया आदेश जारी किया है, जिसमें युद्ध लड़ने और जीतने में सक्षम एक विशेष बल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 68 वर्षीय शी 2012 से सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की अगुवाई कर रहे हैं।
वह केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के अध्यक्ष भी हैं। शी ने पद पर बैठने के साथ ही सेना में सुधारों को और प्रौद्योगिकी के सतत उन्नयन के साथ वास्तविक समय में प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी है। अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत, शी के दूसरे पांच साल के कार्यकाल के अंत तक सत्ता में बने रहने की उम्मीद है और इस साल के मध्य में आयोजित होने वाली सीपीसी कांग्रेस के बाद रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल को भी शुरू कर सकते हैं।
2018 से, वह हर साल सेना के लिए ऑपरेशनल प्राथमिकताएं निर्धारित करते हुए मोबिलाइजेशन (जुटने के) ऑर्डर जारी कर रहे है। शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग ने सेना के लिए जारी इस साल के आदेश में कहा है कि सशस्त्र बलों को प्रौद्योगिकी, युद्ध की तकनीकों के साथ-साथ प्रतिद्वंद्वियों पर करीबी नजर रखनी चाहिए, अपने प्रयास को बढ़ाते हुए ट्रेनिंग और जंगी अभियानों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए।
अपने आदेश में शी ने कहा कि सेना को एक विशिष्ट बल को विकसित के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास करना चाहिए जो युद्ध लड़ने और जीतने में सक्षम हो। अपने आदेश में शी जिनपिंग ने यह भी कहा है कि सभी अधिकारियों और सैनिकों को न तो मौत और न ही मुश्किल परिस्थितियों से डरने की भावना को रखना चाहिए और अपनी लड़ने की क्षमता को बढ़ाने, उत्कृष्ट आचरण को बढ़ावा देने के लिए अच्छी तरह से डिजाइन और सुरक्षित तरीके से ट्रेनिंग देनी चाहिए।
पिछले दिनों, चीन से जुड़ी एक और खबर आई थी जिसमें अमेरिका ने दावा किया था कि चीन ऐसे हथियार विकसित की दिशा में काम कर रहा है जिसका इस्तेमाल दुश्मनों को मारने के बजाय उन्हें पैरालाइज करने और उनके दिमाग को कंट्रोल करने के लिए किया जा सकता है।