अपनी नौसेना का त्वरित विस्तार कर रहे चीन ने दो और निर्देशित मिसाइल विध्वसंक पोतों को शामिल कर ऐसी क्षमता वाले अपने युद्धपोतों की संख्या बढ़ाकर 20 कर ली है जबकि आने वाले समय में इनकी संख्या में और बढ़ोत्तरी करने की उसकी योजना है। सरकारी मीडिया में सोमवार को यह जानकारी दी गई है। सरकारी ‘‘ग्लोबल टाइम्स’’ ने खबर दी है कि गत शुक्रवार को तटीय नगर डालियन में दो टाइप 052डी निर्देशित मिसाइल विध्वंसकों को शामिल किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी तरह के ये 19वें एवं 20वें पोत हैं। इसमें चीनी विश्लेषकों के उस कथन का भी उल्लेख है जिसमें उन्होंने कहा है कि इसी प्रकार के अन्य निर्देशित मिसाइल विध्वसंकों को तैयार किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास अब 20 टाइप 052डी या तो सेवा में हैं अन्यथा उन्हें सेवा में शीघ्र शामिल किया जायेगा।
ये विध्वंसक त्वरित, उच्च गतिशीलता वाले लंबी दूरी वाले जंगी पोत हैं जिनका विमान वाहकों के रूप में भी प्रयोग संभव है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी ने गत महीने अपनी 70वीं वर्षगांठ मनाई थी और इसमें स्वदेश में विकसित प्रक्षेपास्त्र विध्वंसक आईएनएस कोलकाता और टैंकर आईएनएस शक्ति नाम के दो भारतीय नौ पोतों ने क्गिंदाओ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ‘‘फ्लीट रिव्यू’’ में भाग लिया था। बींिजग में रहने वाले सैन्य विशेषज्ञ वाई डॉक्सू ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि भविष्य में चीन के पास ऐसे तीस से ज्यादा विध्वसंक होंगे।
वहीं दूसरी ओर चीन ने बीजिंग में साढ़े 11 अरब अमेरिकी डॉलर से बने अपने नये आधुनिक हवाई अड्डे से यात्री विमानों की प्रायोगिक उड़ान का आयोजन किया। इस साल के आखिर तक चीन का यह हवाईअड्डा दुनिया के सबसे व्यस्ततम हवाईअड्डों में शुमार होने को तैयार है। अत्याधुनिक डेक्सिंग अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा शहर से करीब 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस हवाई अड्डा को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह भीड़ भाड़ वाले बीजिंग कैपिटल इंटरनेशनल एयरपोर्ट (बीसीआईए) के भीड़ के दबाव को भी झेलने में सक्षम है।
सरकारी ‘सीजीटीएन’ की खबर के अनुसार नया हवाईअड्डा डेंिक्सग जिला और उत्तरी चीन के हेबेई प्रांत में लांगफांग शहर को जोड़ने वाली जगह पर स्थित है। इसमें सात हवाई पट्टी होगी और 2021 तक यहां से सालाना 4.5 करोड़ यात्रियों तथा 2025 तक सालाना 7.2 करोड़ यात्रियों की आवाजाही की उम्मीद है।
चाइना साउदर्न एयरलाइंस, चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस, एयर चाइना और शियामेन एयरलाइंस ने अपने-अपने प्रमुख बोइंग एवं एयरबस विमानों को प्रायोगिक उड़ान के लिये भेजा था। इस हवाईअड्डा से अब तक 50 एयरलाइनों ने विमानों के परिचालन में अपनी रुचि दिखायी है।