चीनी विमान ने जापान के ‘एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स’ के विमान के पास से उड़ान भरी। इसके बाद जापान ने चीन से मांग की है कि वह अपने फाइटर जेट्स को जापानी खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमानों के करीब उड़ाना बंद करे। ऐसा बार-बार हो रहा है और इससे टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। इतना ही नहीं जापान ने चीन से कहा कि ऐसी हरकतें दोबारा ना हों।
जापान की डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि बुधवार और गुरुवार को एक चीनी ‘जेएच-7’ लड़ाकू-बमवर्षक विमान ने जापान की ‘एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स’ के ‘वाईएस-11ईबी’ इलेक्ट्रॉनिक-इंटेलिजेंस विमान 30 मीटर के पास से उड़ान भरी। मिनिस्ट्री ने कहा कि यह घटना पूर्वी चीन सागर के ऊपर जापानी एयर स्पेस के बाहर हुई और इससे जापानी पक्ष को कोई भी नुकसान नहीं हुआ। हाालंकि, चीन की तरफ से कोई भी रिएक्शन सामने नहीं आया है।
बीजिंग ने भी लगाया था आरोप
इससे पहले बीजिंग ने आरोप लगाया था कि जापान उसके विमान के करीब से उड़ान भर रहा था और चीन की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखकर जासूसी कर रहा था। उसने भी जापान से अपनी कार्रवाई को रोकने की मांग की थी। जापान चीन की तरफ से किए जा रहे सैन्य निर्माण को लेकर काफी चिंतित है। खासकर जापान के साउथ वेस्टर्न इलाकों को लेकर तो यह टेंशन और भी ज्यादा है।
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दोबारा ना हों ऐसी हरकतें – जापान के मंत्री
जापान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर रात को एक बयान में कहा कि उसके वाइस मिनिस्टर ताकेहिरो फनाकोशी ने जापान में चीनी राजदूत वू जियांगहाओ के सामने अपनी चिंताओ को रखा और बीजिंग से ऐसी गतिविधियां रोकने का पुरजोर आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह टकराव को भड़का सकती है और चीन से यह कहा कि ऐसी हरकतें दोबारा ना हों। पिछले महीने भी इसी तरह की नजदीकी मुठभेड़ों को लेकर दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। जापान ने कहा कि एक चीनी फाइटर जेट प्रशांत महासागर के ऊपर जापानी नौसेना के P-3C सर्विलांस एयरक्राफ्ट के बेहद करीब से उड़ा। 100 से अधिक सालों तक कैसे जीते हैं जापान के लोग? आप भी जानकर रह जाएंगे हैरान