चीन साल 2020 तक देश के सबसे गरीब और पिछड़े इलाकों में रहने वाले नागरिकों को विकसित इलाकों में बसान के लिए 946.30 अरब युआन (करीब 935 हजार करोड़ रुपये) खर्च करेगा। चीन के योजना आयोग ने सोमवार (31 अक्टूबर) को ये घोषणा की। मई में आयोग ने घोषणा की थी कि साल 2020 तक एक करोड़ लोगों को गरीबी से मुक्त कराना है। इनमें से 20 लाख लोगों को इसी साल विकसित इलाकों में बसाया जाएगा।  भारत सरकार ने साल 2016-17 के सालाना बजट में विभिन्न मदों में कुल 19,78,060 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही है। यानी भारत सरकार जितना राशि एक साल में पूरे देश पर खर्च करेगी उसकी करीब आधी राशी चीन चार सालों में एक करोड़ लोगों को विकसित इलाकों में बसाने पर खर्च करेगा।

चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग (एनडीआरसी) इस पैसे से गरीब लोगों को घर और एवं अन्य आधारभूत ढांचा विकसित करेगा। इस योजना के लिए पैसा चीन के दो सबसे बड़े बैंक चीन डेवलपमेंट बैंक और एग्रीकल्चर डेवलपमेंट बैंक ऑफ चीन देंगे। बैंक करीब 341.3 अरब युआन लंबे समय के लिए लोन के तौर पर और 50 अरब युआन कंस्ट्रक्शन बॉन्ड के तौर देंगे। स्थानीय प्रशासन इस योजना के लिए 285.80 अरब युआन देगा।

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स्थानीय प्रशासन 100 अरब युआन बॉन्ड के माध्यम से जुटाएगा। वहीं चीन की केंद्र सरकार इस योजना के लिए 80 अरब युआन देगी। माना जा रहा है कि स्थानांतरित किए जाने वाले ग्रामीम 21.50 अरब युआन का योगदान करेंगे। चीन की कुल आबादी में करीब पांच फीसदी लोग बेहद गरीब हैं। ज्यादातर गरीब लोग चीनी के ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। चीन के सरकारी आंकड़ों के अनुसार ये आबादी साल में 2300 युआन (करीब 22 हजार रुपये) से कम पर गुजारा करती है। एनडीआरसी के अनुसार पिछले साल तक एक करोड़ 20 लाख गरीबों को विकसित इलाकों में स्थानांतरित कराया जा चुका है।

चीनी अर्थव्यवस्था की विकास दर कई सालों तक तेज रहने के बाद अब सुस्त पड़ रही है। वैश्विक समुदाय चीन द्वारा अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़ों पर भी सवाल उठाता रहा है। चीन में मीडिया आजाद नहीं है इसलिए उसकी अर्थव्यवस्था और योजनाओं के विश्वसनीय आंकड़े मिलना मुश्किल होता है।