दक्षिणी चीन सागर को लेकर तनाव के बीच चीन ने अमेरिका को आगाह किया कि वह ऐसे ‘खतरनाक कदम’ नहीं उठाए जिनसे उसकी संप्रभुता और सुरक्षा हित को खतरा पैदा होता है। पिछले दिनों अमेरिका का एक विध्वंसक पोत विवादित क्षेत्र में दाखिल हुआ था।
चीनी रक्षा मंत्री जनरल चांग वानकुआन ने आज आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर अपने अमेरिकी समकक्ष एश्टन कार्टर से मुलाकात की। यह बैठक दक्षिणी चीन सागर में तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने के संदर्भ में चर्चा के लिए बुलाई गई। उन्होंने अमेरिका से कहा कि आगे वह चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हित को खतरे में डालने वाले ‘खतरनाक कदम’ नहीं उठाए।
चांग ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की सितंबर में हुई अमेरिका यात्रा के दौरान शी ने अपने अमेरिकी समकक्ष बराक ओबामा के साथ दोनों देशों के बीच नए रिश्तों की बुनियाद रखने के लिए प्रयास जारी रखने पर सहमति जताई थी। चीनी रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति के क्रियान्वयन पर काम करना चाहिए तथा सैन्य संबंधों को रचनात्मक ढंग से आगे बढ़ाना चाहिए।
चीन का दावा है कि अमेरिका का प्रक्षेपास्त्र विध्वंसक लासेन दक्षिण चीन सागर के कुछ हिस्सों में दाखिल हुआ था। दरअसल चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। उसके इस दावे का वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान विरोध करते हैं। अमेरिका इन पांचों देशों को समर्थन देता है, जो चीन का नापसंद है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चांग के हवाले से कहा कि दक्षिणी चीन सागर के द्वीप प्राचीन समय से चीन के क्षेत्र हैं और यह उसके पुरखों की विरासत है। एजंसी के अनुसार चीन को निर्माण कार्य के जरिए द्वीपों पर अपनी संप्रभुता प्रकट करने की कोई जरूरत नहीं है।
लगातार ब्रेकिंग न्यूज, अपडेट्स, एनालिसिस, ब्लॉग पढ़ने के लिए आप हमारा फेसबुक पेज लाइक करें, गूगल प्लस पर हमसे जुड़ें और ट्विटर पर भी हमें फॉलो करें