China investment in Pakistan: चीन के विस्तारवादी नीति से पूरी दुनिया वाकिफ है। वहीं अब चीन पाकिस्तान में अपने सैन्य ठिकाने बनाना चाहता है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने शीर्ष राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन विशेष रूप से बनाई गई चौकियों में अपनी सेना तैनात करके दोनों देशों में अपने हितों की रक्षा करने की योजना बना रहा है।
वजह क्या आई सामने:
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में अपने निवेश की सुरक्षा को लेकर चीन इस तरह के कदम उठाने पर विचार कर रहा है। इसके पीछे माना जा रहा है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में चीन ने अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत काफी निवेश किया है। वहीं इनकी सुरक्षा को लेकर चीन चिंतित है। ऐसे में अपने निवेश की सुरक्षा के लिए चीन दोनों देशों में सुरक्षा चौकियां बनाकर सेना तैनात करने की प्लानिंग में है।
दरअसल मध्य एशिया में अपने प्रभाव का विस्तार करने की योजना से चीन पाकिस्तान-अफगानिस्तान का सहारा ले रहा है। उसने इन दोनों देशों में भारी मात्रा में रणनीतिक निवेश किया है। पाकिस्तान में चीन ने कुछ अनुमानों के अनुसार 60 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक निवेश कर चुका है। वहीं पाकिस्तान वित्तीय के अलावा सैन्य और राजनयिक समर्थन के लिए भी चीन पर निर्भर है।
पाकिस्तान में अपनी सैन्य चौकियों के निर्माण को लेकर चीन ने अब पाकिस्तान पर दबाव बनाना शुरू दिया है। वो चाहता है कि पाकिस्तान उसे चौकियों के निर्माण की अनुमति दे। जिससे उस क्षेत्र में चीन अपने सैनिकों की तैनाती कर सके। वहीं अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है। तालिबान अभी तक कई मामलों में चीन और पाकिस्तान की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है।
गौरतलब है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सैन्य चौकियों की स्थापना के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। इसको लेकर चीन का दावा है कि इसके जरिए वह अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के सुचारू संचालन और बेहतर विस्तार सुनिश्चित करेगी।
सूत्रों के मुताबिक चीनी राजदूत नोंग रोंग ने इस संबंध में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ एक मीटिंग भी की है।