चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को चीन ने ताइवान के पास 11 मिसाइलें दागी हैं। ताइवान की सरकार ने इसकी पुष्टि कर दी है। उनके आसपास के इलाकों की तरफ ये मिसाइलें फायर हुई हैं, लेकिन इन मिसाइलों की लैंडिंग जापान में हुई। जापान के रक्षामंत्री की तरफ से जारी बयान में कहा गया चीन की तरफ से दागीं गईं पांच मिसाइलें जापान के इलाके में गिरी हैं।

अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा से भड़के चीन ने अब ताइवान पर मिसाइलें गिरानी शुरू कर दी है। ताइवान के आस-पास के इलाकों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने गुरुवार (4 अगस्त) से अपना सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। इसके साथ ही चीन ने ताइवान के समुद्री इलाके को निशाना बनाते हुए 11 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से पांच जापान के इलाके में गिरी है। जिसका जापान के रक्षामंत्री ने विरोध दर्ज कराया है।

जापान के सबसे दक्षिणी द्वीप क्षेत्र ओकिनावा के हिस्से ताइवान के करीब हैं। जापान के रक्षामंत्री नोबुओ किशी ने कहा कि यह पहली बार है जब चीनी बैलिस्टिक मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में गिरी हैं। यह क्षेत्र जापान के समुद्र तट से 200 समुद्री मील की दूरी तक फैला हुआ है।

सुरक्षा के साथ समझौता नहीं: जापान के रक्षामंत्री ने अपने बयान में कहा कि ये एक गंभीर मामला है क्योंकि इसका सीधा कनेक्शन हमारे देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। हम लोगों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते हैं। जापान के रक्षामंत्री नोबुओ किशी ने कहा कि चीन की इस हरकत का डिप्लोमौटिक चैनल के जरिए विरोध दर्ज किया गया है। रक्षामंत्री ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन की बैलिस्टिक मिसाइलें जापान के क्षेत्र में गिरी।

जंग नहीं चाहता ताइवान: वहीं, दूसरी ओर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसे क्षेत्रीय शांति को कमजोर करने वाली तर्कहीन कार्रवाई करार दिया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, “चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज दोपहर लगभग 13:56 बजे पूर्वोत्तर और दक्षिण-पश्चिमी ताइवान के आसपास के क्षेत्रों में डोंगफेंग श्रृंखला की कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं।”

ताइवान की ओर से कहा गया कि हम जंग नहीं चाहते हैं, लेकिन कोई हम पर आक्रमण करेगा तो हम चुप भी नहीं बैठेगे। वहीं, दोनों देशों के बीच तनाव के चलते ताइवान आने-जाने वाली करीब 50 इंटरनेशनल फ्लाइट्स को कैंसल कर दिया गया है। इससे पहले बुधवार को ताइवान के एयर जोन में चीन के 27 लड़ाकू विमान देखे गए थे।

क्या है विवाद: नैन्सी पेलोसी मंगलवार रात ताइवान पहुंची थीं। पेलोसी के पहुंचते ही चीन ने ताइवान पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे। साथ ही चीनी सेना के 21 सैन्य विमानों ने ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरकर अपनी ताकत दिखाई थी। चीन से तकरीबन 100 मील दूर ताइवान एक द्वीप है। ताइवान खुद को स्वतंत्र राष्ट्र मानता है। वहां ताइवान के लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार है। लेकिन इसके उलट चीन ताइवान पर अपना अधिकार जताता है। चीन ताइवान को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहता है।