China-Taiwan Crisis: अमेरिकी निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के चीन पूरी तरह से बौखलाया हुआ है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव भी अपने चरम पर है। वहीं ताइवान के आस-पास बड़े पैमाने पर चीन द्वारा हो रहे लगातार सैन्य अभ्यास का ताइवान भी मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। बता दें कि पहली बार ताइवान ने एक चीनी ड्रोन पर फायरिंग की और चीन को चेतावनी दी है।
ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने ताइवान की सेना को चीनी उकसावे के खिलाफ “मजबूत जवाबी कार्रवाई” करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि अभी तक चीन लगातार सैन्य अभ्यास के नाम पर ताइवान को उकसाने की कोशिश कर रहा था। वहीं पहली बार देखा गया कि ताइवान ने बढ़ते तनाव के बीच इस तरह के वार्निंग फायरिंग की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते मंगलवार, 30 अगस्त को ताइवान के एर्डन द्वीप के हवाई क्षेत्र में चीन सेना का एक ड्रोन घुस आया था। जिससे ताइवान आग बबूला हो उठा और उसके सुरक्षा बलों ने प्रोटोकाल के अनुसार, पहले चेतावनी जारी की। इस चेतावनी का कोई असर होता न देख ताइवानी सुरक्षा बलों ने ड्रोन पर गोलियां दागीं और उसे अपने क्षेत्र से भागने पर विवश कर दिया। एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि गोलीबारी के बाद ड्रोन वापस चीन की तरफ चला गया।
वहीं ताइवान के सैन्य प्रवक्ता ने फायरिंग को लेकर जानकारी दी कि चीन की सेना का ड्रोन ताइवान के नियंत्रण वाले एर्डन द्वीप की सीमा के करीब उड़ रहा था। उन्होंने कहा कि ड्रोन पर फायरिंग होने के बाद यह चीन की तरफ उड़कर वापस चला गया।
माना जा रहा है कि ताइवान की इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के और बढ़ने की संभावना है। वहीं चीन के आक्रामक रुख को देखते हुए ताइवान अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क है। चीन की किसी भी चाल का जवाब देने के लिए ताइवान पहले ही घोषणा कर चुका है कि उसके सीमा में अगर चीनी ड्रोन दिखे तो वह उन्हें मार गिराएगा। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ता दिख रहा है।