China Spy Ship: चीन पूरे दक्षिण एशिया में भारत को घेरने के लिए प्लानिंग करता रहा है और हालियां रिपोर्ट बताती है कि उसके जासूसी जहाज ने भारतीय इलाकों की भी जासूसी की है, रिपोर्ट के अनुसार, चीनी जहाज जियाग याग हांग 03 ने भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंगाल की खाड़ी में हाल में एक सर्वेक्षण पूरा किया है। यह जहाज 13 जुलाई को अंडमान निकोबार द्वीप समूह के नीचे से हिंद महासागर में घुसा था। यह समय खास इसलिए भी था क्योंकि भारत ने इसी समय के दौरा परमाणु सक्षम बैलिस्टिकम मिसाइलों का परीक्षण किए जाने की तैयारी कर रहा था।

बता दें कि यह सारी जानकारी स्वतंत्र इंटेलिजेंस एक्सपर्ट डेमियन साइमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है। क्षेत्र में चीनी जासूसी जहाज का घूमना चिंता की बात भी है क्योंकि चीन के जासूसी जहाज के बारे में जानकारी दी है। क्षेत्र में चीनी जासूसी जहाज की गतिविधि ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि यह एक महीने में आने वाला तीसरा चीनी जहाज था।

सोशल मीडिया पर सामने आया रूट मैप

जानकारी देने वाले साइमन ने एक्स पर मैप भी शेयर किया है और बताया है कि चीनी जहाज का रूट क्या था, इसके रूट के बारे में बताया है। मैप के रूट के अनुसार जियांग यांग हांग 3 ने 13 जुलाई को अंडमान निकोबार द्वीप समूह के करीब से हिंद महासागर में प्रवेश किया। इसके बाद यह चीनी जहाज 16 जुलाई को श्रीलंका के नीचे पहुंचा था। ठीक इसके बाद ही जहाज का रुख बंगाल की खाड़ी की तरफ होता है और यह 26 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करता है। 28 जुलाई की जियांग यांग हांग 03 चेन्नई से सिर्फ 260 नॉटिकल मील की दूरी पर था।

मालदीव जा रहा था जहाज

भारत के इन सभी तटीय इलाकों में चीनी जासूसी जहाज की मौजूदगी तीन दिनों तक देखने को मिली थी। आखिरी बार ये 31 जुलाई को दिखाया गया। यह चीनी जासूसी जहाज कथित तौर पर मालदीव के लिए जा रहा था। इसी दौरान इसे बंगाल की खाड़ी में प्रवेश किया था। इस साल इसने तीन बार मालदीव के जलक्षेत्र में प्रवेश किया था। इसके पहले इसी साल जनवरी और फिर अप्रैल में मालदीव के विदेश मंत्रालय ने चीनी जहाज को डॉक करने की अनुमति दी थी।

ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत ने श्रीलंका से लेकर मालदीव तक के बंदरगाहों में चीनी जहाज के डॉक की गतिविधियों पर गुस्सा जाहिर किया था लेकिन फिर भी चीन इसमें सफल रहा था। ऐसे में चीन का भारतीय समुद्री क्षेत्र की जासूसी करना स्पष्ट तौर पर भारत के लिए एक खतरा है लेकिन यह देखना अहम होगा कि भारत अब चीन की इन चालाकियों का जवाब कैसे देता है।