चीन की यांग्त्जी नदी में जहाज डूबने की घटना में 200 से ज्यादा शवों को निकाले जाने के बाद मृतकों की संख्या करीब 400 तक पहुंच गई। इसके साथ ही बचावकर्मियों ने अपना चार दिन का राहत अभियान समाप्त कर दिया है। इस हादसे को पिछले 70 वर्षों में चीन की सबसे भीषण समुद्री त्रासदी माना जा रहा है।
मध्य चीन के हुबेई प्रांत में च्यानली में राहत मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि बचाव दल द्वारा ईस्टर्न स्टार को ऊपर की ओर की स्थिति में स्थिर रखने पर बरामद सैकड़ों शवों में तीन साल की एक बच्ची का भी शव मिला जो हादसे की चपेट में आने वाले लोगों में सबसे छोटी उम्र की मृतक है।
अब तक इस चार मंजिला जहाज से 396 शव बरामद किए जा चुके हैं और 46 लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारियों ने नदी से होकर गुजरने वाले पोतों और अन्य लोगों से अनुरोध किया है कि यदि उन्हें कोई तैरता हुआ शव मिले तो वे उन्हें सूचित करें।
456 लोगों को लेकर जा रहा यह जहाज सोमवार की रात हुबेई प्रांत के च्यानली में नदी में मात्र दो मिनट के भीतर डूब गया था। ये लोग छुट्टियां मनाने जा रहे थे। इस दुर्घटना में जहाज के कप्तान और मुख्य अभियंता समेत सिर्फ 14 लोग तैरकर जीवित बच निकल पाए। जहाज में सवार पर्यटकों में अधिकतर बुजुर्ग थे। यह जहाज 11 दिन की यात्रा पर निकला था
शनिवार को सबसे कम उम्र की पीड़ित तीन साल की बच्ची का शव जहाज की चौथी मंजिल पर मिला। जहाज को पानी से निकालकर खड़ा किया गया है। अधिकारियों ने जहाज के डूबने के लिए अचानक से चलने वाली तेज हवाओं को जिम्मेदार ठहराया है लेकिन जहाज के कप्तान और उसके अभियंता को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा है।
अधिकारियों को जहाज कर्मियों और पीड़ितों के परिजनों के बीच के टकराव और जनता के गुस्से को नियंत्रित करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। शनिवार सुबह परिजनों और स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि के बीच हुई कहासुनी के कारण सरकार की ओर से परिजनों को नियमित जानकारी देने वाली वार्ता को बीच में ही रोकना पड़ा।
यात्रियों के परिजनों ने सवाल उठाया कि पहले ही शाम में मौसम की जानकारी दिए जाने और हुबेई प्रांत के एक हिस्से में तूफान शुरू होने के बावजूद क्या जहाज को यह यात्रा जारी रखनी चाहिए थी।
इससे पहले वर्ष 1948 में शंघाई में एसएस किआंग्या जहाज डूबने की घटना देश में सबसे भीषण समुद्री दुर्घटना थी जिसमें तकरीबन 2,750 से 4,000 के बीच लोगों की मौत हो गई थी।