चीन में उइगर मुस्लिम समुदाय को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन की सरकार कट्टरपंथ को फैलने से रोकने के नाम पर उइगर मुसलमानों को डिटेंशन कैंप में बंद कर रही है। वहीं डिटेंशन कैंप में बंद किए गए लोगों के करीब 5 लाख बच्चों को चीन की सरकार ने सरकार द्वारा संचालित होने वाले बोर्डिंग स्कूलों में भेज दिया है। चीन सरकार की एक आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक दस्तावेज से इस बात का खुलासा हुआ है।
चीन की माओवादी सरकार की योजना है कि वह अगले साल के अंत तक उइगर मुस्लिम बहुल इलाके झिनझियांग प्रांत में 800 या उससे ज्यादा की आबादी वाले इलाकों में सरकार द्वारा संचालित बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण करेगी। चीन सरकार इन स्कूलों को गरीबी से लड़ने के तरीके के तौर पर पेश कर रही है।
वहीं बच्चों को बोर्डिंग स्कूल भेजने के अपने फैसले का बचाव करते हुए सरकार ने कहा है कि इससे बच्चों को क्लास अटेंड करने में आसानी होगी, क्योंकि उनके माता-पिता रिमोट इलाकों में काम करते हैं और बच्चों का ख्याल रखना उनके लिए संभव नहीं है। इसके अलावा चीन सरकार का तर्क है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग खुद अपने बच्चों को इन स्कूलों में भेजना चाहते हैं।
चीन सरकार के दस्तावेजों के अनुसार, इन बोर्डिंग स्कूलों में उनके परिजनों के प्रभाव से दूर रहने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। कई छात्रों को इसलिए भी बोर्डिंग स्कूलों में रखा गया है क्योंकि उनके माता-पिता को सरकार ने डिटेंशन सेंटर में बंद कर दिया है। चीन सरकार के अनुसार, इन बोर्डिंग स्कूलों में बच्चों को कट्टरपंथ से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है।
इन स्कूलों में बाहरी लोगों का प्रवेश करना मना है और सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि चीन में करीब 10 लाख उइगर मुसलमानों को वहां की सरकार ने डिटेंशन कैंपों में बंद कर रखा है। चीन सरकार का कहना है कि इन डिटेंशन कैंपों में लोगों को कट्टरपंथी बनने से रोकने की कोशिश की जा रही है। चीन सरकार के इस कदम की पूरी दुनिया में आलोचना भी हो रही है। इसके बावजूद चीन की माओवादी सरकार अपनी नीति पर अडिग बनी हुई है।