चीन के कई वैज्ञानिक रिसर्च की दृष्टि से काफी विवादित माने जाते हैं, उनरी खोज, उनकी स्टडी पूरी दुनिया में खलबली मचाने के लिए काफी रहती है। ऐसा ही चीन का एक वैज्ञानिक है हे जियानकुई जो दावा कर रहा है कि उसे पता है कि बुढ़ापे को कैसे रोका जा सकता है। वो इसी दिशा में एक नई रिसर्च करना चाहता है, लेकिन दूसरे वैज्ञानिक इसे खतरनाक मान रहे हैं।

चीन का सनकी वैज्ञानिक और उसके दावे

अब हे जियानकुई कोई मामूली वैज्ञानिक नहीं है। अपनी एक रिसर्च की वजह से उसे तीन साल तक जेल में रहना पड़ गया था। बाद में जब बाहर आया तो बीजिंग में अपनी खुद की रिसर्च लैब खोल डाली। अब उस लैब में ये वैज्ञानिक रोज का कोई ना कोई एक्सपेरिमेंट करता रहता है। उन एक्सपेरिमेंट की जानकारी ये ट्विटर पर साझा भी करता है, यानी कि चीन की सरकार इसे तवज्जो दे या ना दे, ये सोशल मीडिया की दुनिया में काफी पॉपुलर हो गया है।

अब इसी कड़ी में इस वैज्ञानिक ने एक नया दावा किया है। उसका कहना है कि मानव भ्रूण में बदलाव कर वो बुढ़ापे को रोक सकता है। उसका तर्क है कि उसकी रिसर्च में एडिटेड जीन वाले चूहे के भ्रूण और इंसान के निषेचित अंडाणु शामिल रहेंगे। इस रिसर्च को एक नई दिशा देने के लिए यहां तक कह दिया गया है कि इसके जरिए अल्जाइमर जैसी बीमारी को भी ठीक किया जाएगा। जोर देकर कहा गया है कि अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और बूढ़ी होती जनसंख्या देश पर दबाव बढ़ाती जा रही है।

वैज्ञानिक ही इन दावों का कर रहे खंडन

हालांकि हे जियानकुई के इस प्रस्ताव से कई वैज्ञानिक सहमत नहीं है। उनका मानना है कि इंसानों के DNA के साथ अगर छेड़छाड़ की जाएगी तो इसका असर काफी आगे तक पड़ेगा। कुछ वैज्ञानिक तो इसे पागलपन तक करार दे रहे हैं, यहां तक कह रहे हैं कि पब्लिसिटी के लिए ये सब किया जा रहा है। अभी के लिए हे जियानकुई ने भरोसा दिया है कि जब तक सरकार से शोध की अनुमति नहीं मिल जाती, वे इस विषय पर आगे नहीं बढ़ने वाले हैं।