चीन दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। लेकिन पिछले लंबे समय से जनसंख्या दर में गिरावट को लेकर वह परेशान है। वह जनसंख्या में वृद्धि के लिए ऐसे उपाय अपना रहा है, जिससे वहां के लोगों में भी आक्रोश पैदा हो रहा है। चीन ने अब शादी के रजिस्ट्रेशन को आसान बना दिया है और तलाक को और कठिन बनाने का प्रस्ताव रखा है। ऐसा इसलिए ताकि जनसंख्या दर में वृद्धि हो और जन्म दर में गिरावट ना आए।

चीन में पेश हुए दो प्रस्ताव

प्रस्ताव के तहत चीनी अधिकारी अब विवाह के लिए घरेलू रजिस्ट्रेशन की मांग नहीं करेंगे। वहीं तलाक चाहने वालों के लिए 30 दिन का कूलिंग ऑफ पीरियड रखा गया है। यानी तलाक की अवधि के दौरान यदि कोई भी पक्ष तलाक के लिए तैयार नहीं है, तो वह आवेदन वापस ले सकते हैं। इससे दोनों का तलाक नहीं होगा।

हालांकि चीन के फैसले पर वहां के ही लोग सवाल उठा रहे हैं। कई यूजर लिख रहे हैं कि तलाक लेने का मेरा अधिकार कहां है? वैवाहिक स्वतंत्रता कहां है? बता दें कि चीनी सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष के शुरुआती 6 महीने में केवल 34 लाख 30 हजार शादियां चीन में रजिस्टर्ड हुई है, जो 1980 के बाद सबसे कम आंकड़ा है।

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चीन ने 11 सितंबर तक विवाह और तलाक प्रक्रिया में प्रस्तावित संसाधनों पर लोगों का रिएक्शन मांगना शुरू कर दिया है। पहले चीन में घरेलू शादी को रजिस्टर करवाने की ओरिजिनल कॉपी एक अनिवार्य दस्तावेज रहा है। वहीं पहले चीन में कोई जोड़ा दोबारा शादी करना चाहता था तो उसे वहीं रजिस्टर करवाना होता था, जहां उसकी पहली शादी का रजिस्ट्रेशन जारी किया गया था। हालांकि अब देश में कहीं भी शादी करने की अनुमति मिल जाएगी। उसे बस अपना पहचान पत्र और घोषणा पत्र जारी करना होगा।

परिवार के महत्व को आगे बढ़ाना है उद्देश्य

हालांकि चीन के अधिकारियों और बुद्धिजीवियों का मानना है कि सरकार के इस नियम का उद्देश्य विवाह और परिवार के महत्व को आगे बढ़ाना है। हालांकि उसी देश के कई नागरिक कह रहे हैं कि यह बेवकूफी भरा नियम है।