जी-20 देशों की बैठक के लिए दुनिया के ज्यादातर बड़े देशों के मुखिया चीन पहुंचे। भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक में हिस्सा लेने गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जब चीन पहुंचे तो हांगझोउ एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों की एंट्री को लेकर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसेन राइस की चीनी अधिकारियों से तीखी बहस हो गई। व्हाइट हाउस के अफसर ओबामा की एंटी से पहले सभी पत्रकारों को एक लाइन में खड़ा होने के लिए कह रहे थे, कि एक चीनी अधिकारी ने चिल्लाकर कहा, ”यह हमारा देश है। यह हमारा एयरपोर्ट है।” ओबामा ने इस पर बाद में कहा, ”चीन के लिए यह घटना पहली नहीं है। इससे पता चलता है कि अमेरिका और चीन के मूल्यों के बीच कितना बड़ा अंतर है।”
कई मीडिया रिपोर्ट्स पर में चीन पर अमेरिकी राष्ट्रपति के अपमान का आरोप लगाया गया है। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओबामा जब हांगझोउ एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्हें विमान से उतरने के लिए रेड कारपेट वाली स्टेयरकेस (सीढ़ी) नहीं लगाई गई। जबकि बाकी देशों के नेताओं के स्वागत में लाल कालीन बिछाई गई थी। ओबामा को विमान की पतली स्टेयरकेस से ही उतरना पड़ा। यह वाकया भी उसी वक्त का है जब एयरपोर्ट पर चीनी अधिकारी अमेरिकी अधिकारी से बहस कर रहे थे। इस पर चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है, ”अमेरिकी डेलिगेशन ने रोलिंग रेड कारपेट स्टेयरकेस लेने से मना कर दिया था।” अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शनिवार दोपहर ओबामा और अमेरिकी अधिकारियों के पहुंचने पर चीनी अधिकारियों ने बहुत बोरिंग तरीके से स्वागत किया। अखबार ने लिखा कि इस तरह की चीजें भूल से नहीं होतीं हैं बल्कि प्लान बनाकर अपमान करने के इरादे से होती हैं।
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चीन में प्रधानमंत्री मोदी का खूब सत्कार हुआ। उन्हें एक चीनी पेंटर ने हाथ से बनाई मोदी की ऑयल पेंटिंग गिफ्ट की। इसके अलावा मोदी को भगवदगीता और स्वामी विवेकानंद के निंबधों सहित प्राचीन भारतीय ग्रंथों का चीनी ट्रांसलेशन दिया गया।

