चीन में भारतीय पत्रकारों का अस्तित्व पूरी तरह खत्म होने जा रहा है। चीन ने आखिरी भारतीय पत्रकार को भी महीने के अंत तक भारत लौटने के लिए कह दिया है। इससे पहले भी तीन पत्रकारों को ऐसे ही चीन अपने देश से बाहर कर चुका है। लंबे समय से भारत और चीन के बीच में ये विवाद का विषय बना हुआ है।

चीन को भारतीय पत्रकारों से क्या तकलीफ?

बड़ी बात ये है कि कुछ समय पहले भारत ने भी चीन के दो रिपोर्टरों के वीजा नवीनीकरण को खारिज कर दिया था। उससे चीन खफा था और उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच में एक होड़ शुरू हो गई। जानकारी के लिए बता दें कि इस साल के शुरुआत में चीन में कुल चार भारतीय पत्रकार मौजूद थे। यहां भी दो पत्रकारों के वीजा नवीनीकरण को चीन ने खारिज कर दिया था, ऐसे में उन्हें वापस लौटना पड़ा। इसके अलावा जो तीसरा पत्रकार रहा, उसने भी पिछले महीने चीन छोड़ दिया। यानी कि सिर्फ एक भारतीय पत्रकार वर्तमान में वहां मौजूद है।

विवाद कैसे शुरू हुआ?

अब उसी पत्रकार को चीन ने वापस लौटने का फरमान सुना दिया है। बताया जा रहा है कि महीने के आखिर तक उसे देश छोड़ना पड़ेगा। यहां ये समझना जरूरी है कि चीन ने पत्रकारों को लेकर भी एक पॉलिसी बना रखी है। उस पॉलिसी के तहत अगर कोई भारतीय अगर चीन में पत्रकारिता कर भी रहा है, तो एक समय में वो सिर्फ वहां तीन सहायकों की ही भर्ती कर सकता है।

अब चीन इस नियम को लेकर सख्त रहा है, वहीं भारत ने चीनी पत्रकारों के लिए ऐसे कोई नियम नहीं बनाए हैं। इसी वजह से विवाद शुरू हुआ और अब देखते ही देखते तनाव इतना ज्यादा बढ़ चुका है।