अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का शी जिनपिंग को डिक्टेटर कहना चीन को रास नहीं आया था। चीन ने इसकी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। हालांकि वैश्विक मंच पर दूसरा कोई देश जिनपिंग के समर्थन में खड़ा नहीं हुआ। लेकिन न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस हिप्किंस ने जो बाइडन की राय को खारिज करते हुए कहा है कि शी जिनपिंग को तानाशाह कहना सही नहीं है। उनका कहना है कि जो बाइडन की राय से वो इत्तेफाक नहीं रखते।
क्रिस हिप्किंस 25 से 30 जून तक चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं। वो इस दौरान जिनपिंग समेत चीन के तमाम बड़े नेताओं और अफसरों से मुलाकात करेंगे। मीडिया ने जब उनसे पूछा कि क्या चीन के लोगों की अपनी सरकार को चुनने में कोई भूमिका है। क्रिस हिप्किंस का कहना था कि अगर लोग अपने सिस्टम को बदलना चाहते हैं तो ये उनका मामला है। इसमें किसी दूसरे को दखल नहीं देना चाहिए। किसी दूसरे देश को तो बिलकुल भी नहीं।
जो बाइडन ने चीन के राष्ट्रपति को तानाशाह कहा तो चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। चीन का कहना था कि बाइडन का बयान पूरी तरह से गलत और स्तरहीन है। उनको जिनपिंग को तानाशाह नहीं कहना चाहिए था। इससे दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट ही पैदा होगी। न्यूजीलैंड के 41वें प्रधानमंत्री का कहना था कि चीन में सरकार बनाना पूरी तरह से वहां के लोगों का अधिकार है। हम इसमें दखल देने वाले कोई भी नहीं हैं।
ध्यान रहे कि चीन और अमेरिका के रिश्ते कभी भी सामान्य नहीं रहे हैं। चाहे डोनाल्ड ट्रम्प हों या फिर मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन। अमेरिका का रवैया चीन के प्रति हमेशा से तल्ख रहा है। चीन भी अमेरिका का विरोध करने का कोई मौका नहीं छोड़ता।
रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तो चीन ने व्लादिमिर पुतिन के कदम को कभी भी गलत नहीं ठहराया। ये चीज अमेरिका को हमेशा खराब लगती रही है। जो बाइडन ने कई बार कहा भी कि चीन को रूस का समर्थन नहीं करना चाहिए। लेकिन जिनपिंग ने रूस की कभी भी सार्वजनिक तौर पर आलोचना नहीं की।