चीन द्वारा विकसित पानी के नीचे काम करने वाले ग्लाइडर ने हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में अपना अभियान सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। ऐसी खबरें आई थीं कि देश ने पानी के नीचे काम करने वाला ऐसा नया नेटवर्क विकसित किया है जो पनडुब्बियों को अपने लक्ष्यों का पता लगाने में मदद देगा। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि चीन ने पानी के भीतर काम करने वाले ग्लाइडर को स्वतंत्र रूप से विकसित किया है। इसका नाम हेयी है। इसने हिंद महासागर में अपने वैज्ञानिक पर्यवेक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह पहली बार है जब देश के स्वदेश विकसित अंडरवॉटर ग्लाइडर का इस सागर में इस्तेमाल किया गया।

इस अभियान को 11 दिसंबर से दो जनवरी के बीच अंजाम दिया गया। इसका उद्देश्य वैश्विक जलवायु परिवर्तन तथा समुद्री परिस्थितयों के बीच संबंध का पता लगाना था। इस ग्लाइडर का इस्तेमाल विस्तृत क्षेत्रों में गहरे समुद्र में वातावरण पर नजर रखने में किया गया। ग्लाइडर तैयार करने वाले चाइनीज एकेडमी आॅफ साइंसेस के शेनयांग इंस्टीट्यूट आॅफ आॅटोमेशन में रिसर्च फैलो यू जियानचेंग ने बताया कि 705 किमी लंबी यात्रा में हेयी ने विस्तृत आंकड़े एकत्र किए।

वहीं, चीन मिसाइल रोधी, जहाज रोधी और पनडुब्बी रोधी हथियारों से लैस एक नए तरह का नौसेना विध्वंसक बना रहा है। सरकारी मडिया ने शुक्रवार को यह खबर दी है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक शंघाई के जियांगन शिपयार्ड (ग्रुप) में इस विध्वंसक को बनाने का काम चल रहा है। खबर के मुताबिक इसे नई वायु रक्षा, मिसाइल रोधी, जहाज रोधी और पनडुब्बी रोधी हथियारों से लैस किया जा रहा है। सैन्य प्रतिनिधि लेंग जुन के हवाले से एक खबर में कहा गया है कि विध्वंसक का निर्माण जहाज की लड़ाकू क्षमता बेहतर करने पर केंद्रित है। वहीं, समाचार एजेंसी एपी की एक खबर के मुताबिक चीन सरकार ने उत्तर कोरिया पर लगे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों से गंभीरता से निपटने का शुक्रवार को वादा किया।