बांग्लादेशी मूल की मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट के कैप्शन में तस्लीमा नसरीन ने लिखा है कि चाइनीज अथॉरिटीज ने शिनजियांग प्रांत में एक मस्जिद को ढहाकर वहां सार्वजनिक शौचालय बना दिया है। सार्वजनिक शौचालय लोगों के लिए बेहद जरुरी हैं, यहां तक कि मुस्लिमों के लिए भी। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि भगवान है। मस्जिद में अल्लाह की इबादत करना व्यर्थ है। सार्वजनिक शौचालय बेहद उपयोगी हैं।
अपने इस ट्वीट के साथ तस्लीमा नसरीन ने एक खबर का लिंक भी शेयर किया है। वीओन न्यूज की इस खबर के अनुसार, शिनजियांग प्रांत के अतुश इलाके में स्थित मस्जिद को ढहाकर वहां सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कर दिया गया है। अतुश इलाके में स्थित सुनताग गांव में स्थित मस्जिद को साल 2018 में ढहा दिया गया था। इसके दो साल बाद वहां की सरकार ने उस जगह पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कर दिया है।
बता दें कि चीन में पिछले काफी समय से वहां के उईगुर मुस्लिमों पर अत्याचार किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने शिनजियांग प्रांत में करीब 70 फीसदी मस्जिदों को तबाह कर दिया है। उल्लेखनीय है कि मस्जिद को तबाहकर वहां शौचालय या कुछ और बनाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले साल 2019 में भी चीन ने अजना मस्जिद को तबाह करके वहां एक स्टोर का निर्माण किया था, जहां आज शराब और सिगरेट की बिक्री की जाती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव के सभी घरों में शौचालय हैं और इस गांव में पर्यटक भी नहीं आते हैं तो ऐसे में यहां सार्वजनिक शौचालय की कोई जरुरत नहीं थी।
Chinese authorities demolish mosque in Xinjiang, build public toilet. Public toilet is more important for people even for Muslims. There is no evidence that God exists. Praying to god at mosques is useless. Public toilet is useful indeed. https://t.co/XiVjChkKGY @wionews
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 18, 2020
इसी तरह होतन शहर में स्थित मस्जिद को भी तबाह करके उसके स्थान पर एक अंडरवियर फैक्ट्री बनाने की कोशिश चल रही हैं। इतना ही नहीं बीते साल गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ था कि चीन के ताकलामाकन रेगिस्तान में स्थित इमाम आसिम की दरगाह को भी चीन ने तबाह कर दिया है। इस दरगाह की काफी मान्यता थी और बड़ी संख्या में लोग यहां आते थे। उईगुर ह्युमन राइट प्रोजेक्ट के अनुसार, चीन सरकार ने बीते तीन सालों में करीब 10 से 15 हजार मस्जिदें तबाह की हैं।