चीन के शीर्ष इस्लामिक नियामक संगठन ने कहा है कि देश की सभी मस्जिदों में राष्ट्रध्वज फहराया जाना चाहिए ताकि मुस्लिमों में ‘देशभक्ति की भावना को बढ़ावा’ दिया जा सके। द चाइना इस्लामिक असोसिएशन ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक चिट्ठी में कहा है कि झंडे सभी मस्जिदों के प्रांगण में ‘प्रमुख जगहों’ पर लगाए जाने चाहिए। चिट्ठी के मुताबिक, इससे ‘राष्ट्रीय और नागरिक आदर्श’ और मजबूत होंगे और मुस्लिमों के सभी जातीय समूहों में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा दिया जा सकेगा। इसमें लिखा है कि मस्जिदों को कम्युनिस्ट पार्टी के सोशलिस्ट विचारों की जानकारी सार्वजनिक तौर पर दिखानी चाहिए।
जहां कई चीनी एक्सपर्ट्स ने चाइना इस्लामिक असोसिएशन की इस पहल की तारीफ की है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चिट्ठी में कहा गया है कि ऐसे संगठनों और मस्जिदों को चीन के संविधान , समाजवाद के मूल सिद्धांतों और चीन की पारंपरिक संस्कृति का भी अध्ययन करना चाहिए। बता दें कि चाइना इस्लामिक असोसिएशन चीनी सरकार से संबंधित संगठन है। इसे इमामों को मान्यता देने का अधिकार हासिल है। यह चिट्ठी ऐसे वक्त में सामने आई है जब चीन ने हाल ही में धार्मिक मामलों से जुड़े कायदे कानूनों में बदलाव किए हैं। ये बदलाव फरवरी से लागू हैं। कई नागरिक अधिकार संगठनों ने धार्मिक आजादी पर अंकुश को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं।
चिट्ठी में लिखा है कि मस्जिदों के स्टाफ को चीनी संविधान और अन्य प्रासंगिक कानूनों खासतौर पर नए धार्मिक कानूनों के अध्ययन की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्हें पारंपरिक चीनी संस्कृति पर आधारित कोर्स शुरू करने चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चीनी मुस्लिम धर्मगुरुओं को बढ़ावा दिया जाए न कि विदेशी मूल के। बता दें कि हाल ही में खबरे आई थीं कि चीन अपने शिनजियांग प्रांत में रहने वाले मुसलमानों पर कड़ी नजर रखे हुए है। सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकारी अफसरों के अलावा पार्टी कैडरों को इस काम में लगाया है। यहां मुसलमानों के लिए ‘रीएजुकेशनल कैंप’ लगाए गए हैं। इसमें मुस्लिमों से उनकी निजी जिंदगी और राजनीतिक विचारों के बारे में पूछताछ की जाती है। जानकारों का मानना है कि सत्ताधारी पार्टी इनके राजनीतिक विचारों का ‘शुद्धिकरण’ चाहती है।