युवराज घिमिरे
नेपाल पिछले तीन दशकों की सबसे भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। मंगलवार (15 अगस्त) को बाढ़ से मरने वालों की संख्या 115 हो गई। चीन ने नेपाल की मदद के लिए 10 लाख डॉलर (6.4 करोड़ रुपये) दिए हैं। चीनी उप-राष्ट्रपति वांग यांग ने पीड़ितों को “तत्काल राहत” पहुंचाने के लिए दिए हैं। चीन ने नेपाल के साथ कई अरब डॉलर का समझौता भी किया है जिससे दोनों देशों के आपसी रिश्ते पहले से मजबूत होंगे। नेपाल और चीन के बीच तीन अलग-अलग समझौते हुए – पेट्रोलियम, गैस और खदान क्षेत्र के लिए दो अरब डॉलर की परियोजनाओं, 2015 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गए आरनिको राजमार्ग के पुनर्निमाण और केरूंग-रासुवागार्ही रोड के निर्माण के लिए 15 अरब डॉलर की परियोजना पर समझौता किया है।
चीन और नेपाल के बीच भविष्य में निवेश को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी। चीन ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए नुकसान के आकलन का भी इंतजार नहीं किया। उप-राष्ट्रपति वांग ने नेपाल के पूर्व शाही महल के निर्माण का उद्घाटन किया। शाही महल भी भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था। भूकंप के दो साल बाद चीन ने इस शाही महल की मरम्मत के लिए आर्थिक मदद दी थी। वांग ने नेपाले के पूर्व प्रधानमंत्रियों केपी ओली और पुष्प कमल दहल “प्रचंड” से भी मुलाकात की।
2015 के भूकंप में काठमांडू से तातोपानी तक 114 किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग सिंधुपालचौक जिले में पांच अलग-अलग जगहों पर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे वाहनों के आवागमन में बाधा आ गई थी। इस राजमार्ग की मरम्मत चीन से मिली 76 करोड़ रुपये की अनुदान राशि से की गई। चीनी निर्माण कंपनी चाइना रेलवे सिसुगु ग्रुप निगम ने राजमार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत की थी।
अरानिको राजमार्ग का निर्माण 1960 में चीनी अनुदान से किया गया था। नेपाल मई में चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में शामिल हो गया, जिसके बाद चीन ने काठमांडू तक रेलवे नेटवर्क बनाने में रुचि व्यक्त की है। चीनी उपराष्ट्रपति वांग ने मंगलवार को नेपाल-चीन के उप-प्रधानमंत्री स्तर की बैठक के दौरान बाढ़ सहायता की घोषणा की। इस द्विपक्षीय बैठक में नेपाल का प्रतिनिधित्व उपप्रधानमंत्री बिजय कुमार गछेदार ने किया।

