भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले साल लद्दाख स्थित LAC पर खूनी झड़प हुई थी। इसमें दोनों ही तरफ से सैनिकों की मौत हुई थी। जहां भारत ने अपने 20 सैनिकों के मारे जाने की जानकारी दी थी, वहीं चीन ने अब तक मृत सैनिकों की सही संख्या का खुलासा नहीं किया है। इस बीच चीन के एक लोकप्रिय ब्लॉगर को वहां सिर्फ इसलिए 8 महीने की जेल की सजा दे दी गई, क्योंकि उसने गलवान घाटी में हुई इस झड़प में चीन की तरफ से हुई मौतें पर टिप्पणी कर दी थी।
बताया गया है कि किउ जिमिंग जो कि इंटरनेट सिलेब्रिटी हैं पर शहीदों का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। इस साल की शुरुआत में ही उन्हें हिरासत में रखा गया था। इसके बाद सोमवार को कोर्ट ने उन्हें आठ महीने की जेल की सजा सुनाई। स्थानीय ग्लोबल टाइम्स अखबार के मुताबिक, अपराध कानून में संशोधन के बाद यह पहला मामला है, जब शहीदों के अपमान के मामले में किसी को जेल भेजा गया हो।
किउ जिमिंग जिनके इंटरनेट पर 25 लाख से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं, उन्हें पूर्वी चीन के जिआंग्सू प्रांत की नानजिंग कोर्ट ने सजा सुनाई है। जिमिंग को 10 दिन के अंदर घरेलू पोर्टल्स और राष्ट्रीय मीडिया के जरिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के निर्देश भी दिए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि किउ ने अपने अपराधों को स्वीकार कर लिया और अदालत से वादा किया कि वे ऐसा अपराध दोबारा नहीं करेंगे। इसलिए उन्हें कम सजा दी जा रही है।
बता दें कि किउ जिमिंग जिन्हें चीन में लाबिशाओकिउ के नाम से जाना जाता है, उन्होंने 1 मार्च को टीवी चैनल पर अपने बयान पर माफी मांग ली थी। तब 38 वर्षीय इस ब्लॉगर ने कहा था कि वे अपने बयान को लेकर शर्मसार हैं और माफी मांगते हैं।
किस बयान को लेकर हो गया विवाद?: किउ जिमिंग ब्लॉगर बनने से पहले चीन के वीकली इकोनॉमिक ऑब्जर्वर के रिपोर्टर थे। कुछ महीनों पहले ही जब चीन ने पहली बार माना था कि गलवान में भारतीय सैनिकों से मुठभेड़ में उसके चार सैनिक घायल हुए हैं औऱ एक अफसर घायल हुआ है, तो किउ ने इस पर सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा था कि कमांडर सिर्फ इसलिए बच गए, क्योंकि वे सबसे ऊंची रैंक वाले अफसर थे। किउ ने यह भी अंदेशा जताया था कि उनकी सरकार जितना बता रही है, उससे ज्यादा चीनी सैनिक मारे गए।
इसके बाद फरवरी में चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने किउ पर नायक सैनिकों के सम्मान और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था और कहा था कि इससे किउ ने राष्ट्रवादी भावनाओं को ठेस पहुंचाई और देशभक्त दिलों में जहर घोला है। बता दें कि चीनी की कम्युनिस्ट पार्टी काफी पहले से ही स्वतंत्र बयानों को दबाने की कोशिश मं जुटे रहे हैं। इसके लिए कई सजाओं का प्रावधान भी किया गया है।
चीन के 45 सैनिकों की जान जाने का हुआ है दावा: भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों के साथ पिछले साल 15 जून को हुई झड़प में 20 कर्मियों की शहादत की घोषणा की थी जबकि चीनी पीएलए ने करीब आठ महीने बाद खुलासा किया था कि उसके चार सैन्य कर्मी मारे गए थे जबकि एक अधिकारी घायल हुआ था। हालांकि, रूस की तास (TASS) न्यूज एजेंसी ने दावा किया था कि टकराव में चीन के 45 सैनिकों की जान गई थी।