ऑपरेशन ब्लूस्टार की 39 वीं वर्षगांठ पर यह ऐतिहासिक घटनाक्रम एक बार फिर चर्चा में है। अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से खालिस्तानी आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए चली कार्रवाई को ही ऑपरेशन ब्लू स्टार कहा जाता है। खालिस्तानी समर्थक हमेशा इस ऑपरेशन के विरोध में रहे हैं और तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी को इसका जिम्मेदार बताते हैं।

बीते दिनों कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी निकाली गई। इसमें दो सिख गनमैनों को भारत की पूर्व प्रधानमंत्री को गोली मारते दिखाया गया। झांकी में ऑपरेशन ब्लू स्टार और 1984 के सिख विरोधी दंगों के बैनर भी थे।

इस झांकी पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आई, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी कड़े शब्दों में इसे लेकर बयान दिया। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “एक भारतीय के तौर पर  मैं 5 किमी लंबी परेड से चकित हूं, जो कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में हुई, जिसमें इंदिरा गांधी की हत्या का चित्रण किया गया था, यह एक देश के दर्द को कुरेदता है”। 

खालिस्तान और कनाडा

यह पहली बार नहीं है कि खालिस्तान भारत-कनाडा के संदर्भ में सामने आया है। न ही यह पहली बार है जब कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया हो।

2002 में टोरंटो स्थित पंजाबी भाषा के साप्ताहिक सांझ सवेरा ने इंदिरा की पुण्यतिथि पर उनकी हत्या के चित्रण और पाठकों से ‘पापी’ को मारने वाले शहीदों का सम्मान करने का आग्रह करते हुए एक शीर्षक दिया था।  पत्रिका को सरकारी विज्ञापन प्राप्त हुए और अब यह कनाडा में एक प्रमुख दैनिक है।

पिछले साल ब्रैम्पटन में जो कनाडा की सबसे बड़ी सिख आबादी वाला शहर है  एक खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के रूप में जाना जाता है ने खालिस्तान पर एक तथाकथित “जनमत संग्रह” आयोजित किया था।  आयोजकों ने दावा किया था  कि 100,000 से अधिक लोग खालिस्तान के समर्थन में आए थे। इस घटना के बाद भारत सरकार द्वारा कड़ी फटकार लगाई गई थी। खालिस्तान आंदोलन शुरू से ही एक दुनियाभर में चल रहा आंदोलन रहा है।