कनाडा-भारत के बीच जारी तनाव के बीच भारत ने सोमवार को छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने और वहां से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की थी। भारत ने यह सख्त कदम खालिस्तानी निज्जर की हत्या की जांच से इंडियन डिप्लोमेट्स को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को खारिज करते हुए उठाया था। इस सबके बीच ‘फाइव आईज अलायंस’ की भी चर्चा हो रही है।
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि भारत से राजनयिक और वाणिज्य दूतावास संबंधी छूट छोड़ने और जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने इनकार कर दिया।
जोली ने कहा, ‘‘हम भारत पर दबाव डालना जारी रखेंगे कि वे सहयोग करें। हम अपने ‘फाइव आईज’ साझेदार देशों के साथ बातचीत जारी रखेंगे। हम G-7 भागीदारों के साथ भी बातचीत जारी रखेंगे। हर विकल्प पर विचार हो रहा है।” आइये जानते हैं क्या है ये ‘फाइव आईज अलायंस’ और कौन-कौन से देश हैं इसमें शामिल।
Five Eyes जैसा कि नाम से साफ है यह पांच देशों का एक संगठन है जो एक दूसरे के साथ खुफिया इनपुट साझा करते हैं और कई मामलों में साथ मिलकर भी काम करते हैं। इस अलायंस में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा शामिल हैं। फाइव आइज को दुनिया का सबसे ताकतवर इंटेलिजेंस नेटवर्क भी कहा जाता है।
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फाइव आइज एलाइंस की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के समय हुई
फाइव आइज एलाइंस की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के समय हुई। इस दौरान एलायड फोर्सेज में शामिल ब्रिटेन और अमेरिका ने तय किया दोनों देशों की खुफिया एजेंसियां साथ मिलकर काम करेंगी। 1943 में अमेरिका के वॉर डिपार्टमेंट और ब्रिटेन की एजेंसी के बीच एक समझौता हुआ जिसे BRUSA (Britain-USA Agreement) के नाम से जानते हैं। इस एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ इंटेलिजेंस इनपुट शेयर करना शुरू किया।
युद्ध खत्म होने के बाद भी ब्रिटेन और अमेरिका ने अलायंस जारी रखने का फैसला किया। 1946 में इस एग्रीमेंट को नया नाम मिला- UKUSA (UK-USA Agreement)। साल 1949 में कनाडा इसका हिस्सा बना, 1956 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल हो गए। फाइव आइज का सचिवालय अमेरिका में है।
भारत-कनाडा विवाद पर क्या बोले अमेरिका-न्यूजीलैंड?
अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि पिछले साल खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारत कनाडा के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर की यह टिप्पणी दिल्ली और ओटावा के बीच बढ़ते विवाद के बीच आई है।
न्यूजीलैंड ने भी भारत के खिलाफ कनाडा के आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी और वह निज्जर की हत्या को लेकर दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद पर टिप्पणी करने वाला ‘फाइव आइज’ देशों में से दूसरा देश बन गया। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा, “कनाडाई कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से उल्लिखित कथित आपराधिक आचरण अगर सिद्ध हो जाता है तो बहुत चिंताजनक होगा।”