कनाडा के चर्चित हिंदू सांसद चंद्रा आर्य के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई है। कनाडा की लिबरल पार्टी ने चंद्रा आर्य के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई है। चंद्रा आर्य पर भारत सरकार से करीबी संबंध रखने का आरोप लगाया गया था। पिछले साल भारत दौरे के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।

चंद्रा आर्य के चुनाव लड़ने पर रोक क्यों लगी है?

बता दें कि भारत और कनाडा के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं। द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के अनुसार चंद्रा आर्य ने भारत दौरे के बारे में कनाडा सरकार को सूचित नहीं किया था। हालांकि कनाडा सरकार और लिबरल पार्टी ने अभी तक यह नहीं बताया कि चंद्रा आर्य के चुनाव लड़ने पर रोक क्यों लगी है? सूत्रों के अनुसार कनाडा सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस ने कनाडा सरकार को जानकारी दी है कि चंद्रा आर्य के भारत सरकार के साथ मजबूत संबंध हैं। इसको लेकर कनाडा की सरकार ने चिंता जताई है।

वहीं पूरे मामले पर चंद्रा आर्य ने सफाई भी पेश की है। उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा है कि सांसद होने के नाते मेरी और कनाडा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई डिप्लोमेट्स और राष्ट्रप्रमुखों से बातचीत होती है। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी किसी भी मुलाकात के लिए कभी भी कनाडा की सरकार से अनुमति नहीं ली। इस दौरान उन्होंने लिबरल पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लिबरल पार्टी को कनाडा के हिंदुओं से जुड़े मुद्दे पर मेरे मुखर होने और खालिस्तान चरमपंथ को लेकर मेरे दृढ़ रुख से आपत्ति है।

कौन हैं जस्टिन ट्रुडो के धुर विरोधी हिंदू MP चंद्र आर्य?

बता दें कि चंद्रा आर्य का नॉमिनेशन फॉर्म पहले ही रद्द कर दिया गया था। नेपियन सीट से वह चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई। आर्य काफी चर्चित सांसद हैं और कनाडा में खालिस्तान चरमपंथ के खिलाफ जोरदार तरीके से आवाज उठाते रहते हैं। इसके कारण उन्हें खालिस्तानी समूहों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है।

पन्नू दे चुका है चंद्रा आर्य को धमकी

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो से चंद्रा आर्य के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इससे पहले पन्नू वीडियो जारी कर चंद्रा आर्य को धमकी भी दे चुका है। उसने कहा था कि चंद्रा आर्य और उनके समर्थकों के लिए कनाडा में कोई जगह नहीं है।