ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में फिनलैंड के शामिल होने पर खुशी जताई है। उन्होंने मंगलवार को फिनलैंड का संगठन में स्वागत करते हुए इसे ‘ऐतिहासिक दिन’ करार दिया। उन्होंने संगठन के दूसरे सदस्यों से भी इसका स्वागत करने और स्वीडन को भी गठबंधन में शामिल करने के लिए जरूरी प्रक्रिया पर सहमति जताने की अपील की।

रूस और यूक्रेन में युद्ध के बीच इसे नई तस्वीर बताया

प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि ब्रिटेन पहला देश है, जिसने फिनलैंड और स्वीडन के संगठन में शामिल होने पर अपनी मुहर लगाई है। इसके अलावा उनके देश ने फिनलैंड को जोड़ने के लिए सदस्य देशों में सहमति बनाने के लिए उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में फिनलैंड के शामिल होने से नाटो सदस्यों की संख्या 31 हो गई है। इससे यूरोपीय सुरक्षा परिदृश्य में ऐसे समय में नई तस्वीर उभरी है, जब रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से भी अधिक समय से युद्ध चल रहा है।

स्वीडन को भी शामिल कराने के लिए कदम उठाने पर दिया जोर

सुनक ने कहा, ‘‘यह फिनलैंड और नाटो के लिए ऐतिहासिक दिन है।’’ कहा, ‘‘फिनलैंड के शामिल होने से हमारा गठबंधन मजबूत हुआ है और हर कोई और सुरक्षित हुआ है। सभी नाटो सदस्यों को अब स्वीडन को भी शामिल करने के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है ताकि हम एक साथ एक गठबंधन के तौर पर खड़े हो सकें और यूरोप और पूरी दुनिया की आजादी की रक्षा कर सकें।’’

ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लीवरली ने कहा, ‘‘रूस ने सोचा कि उसकी आक्रामकता से हम बंट जाएंगे। इसके बजाय हम और मजबूती से जुड़े और आजादी और कानून के राज के अपने सिद्धांत की रक्षा करने लिए अडिग हैं। हम स्पष्ट करते हैं कि हमारे दरवाजे खुले रहेंगे। हम और सहयोगियों का खुली बांहों से स्वागत करेंगे और स्वीडन के जल्द संगठन में शामिल होने की वकालत करते रहेंगे।’’

(भाषा से इनपुट)