ब्रिटेन में सियासी तूफान के बीच, पीएम बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दे दिया है। 24 घंटों के भीतर ही 40 मंत्रियों ने इस्तीफे देकर बोरिस जॉनसन पर दबाव और भी बढ़ा दिया था। इन इस्तीफों की शुरुआत वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद से हुई थी। बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को देश को संबोधित करने के बाद अपने इस्तीफे का ऐलान किया। लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि बोरिस जॉनसन के सामने ऐसा संकट खड़ा हो गया? दरअसल, इस पूरी बगावत के केंद्र में क्रिस पिंचर का नाम सामने आया है, जिन पर यौन शोषण का आरोप है। इसी साल फरवरी में बोरिस जॉनसन ने पिंचर को डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था।

जुलाई 2019 में पिंचर को जॉनसन सरकार में जगह मिली और फिर हाउसिंग मिनिस्टर बनाया गया। उन्हें इस साल फरवरी में जॉनसन ने डिप्टी चीफ व्हिप बनाया गया था। लंदन के पिकाडिली में 29 जून को कार्लटन क्लब में अपने आचरण को लेकर 52 वर्षीय सांसद के खिलाफ दो शिकायतें सामने आई थीं। उन पर दो मर्दों ने शराब के नशे में आपत्तिजनक तरीके से छूने का आरोप लगाया था। इसको लेकर दबाव बढ़ा तो पिंचर को डिप्टी चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

अखबार की रिपोर्ट सामने आने के बाद उनकी ही पार्टी ने आरोप लगाया कि बोरिस जॉनसन को क्रिस पिंचर के आरोपों के बारे में जानकारी थी, फिर भी उन्होंने उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। प्रधानमंत्री पर पिंचर के खिलाफ आरोपों पर कार्रवाई नहीं करने और पूरे मामले से अवगत होने के बाद भी उन्हें सरकार में जगह देने का आरोप लगाया गया।

1 जुलाई को, सरकार ने दावा किया कि बोरिस जॉनसन को पिंचर के गलत आचरण की जानकारी नहीं थी, लेकिन सोमवार को कहा गया कि पीएम को उन आरोपों के बारे में पता था जिनका “या तो निपटारा हो गया था या फिर औपचारिक शिकायत के बाद आगे की कार्रवाई नहीं हुई थी।” वहीं, मंगलवार को ब्रिटेन के विदेश कार्यालय में 2015 और 2020 के बीच सबसे वरिष्ठ नौकरशाह साइमन मैकडोनाल्ड ने कहा कि पीएम को पिंचर के बारे में जानकारी दी गई थी। मैकडोनाल्ड ने कहा कि बोरिस जॉनसन को 2019 में विदेश कार्यालय मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पिंचर की जांच के बारे में व्यक्तिगत रूप से जानकारी दी गई थी।